बिना ड्यूटी दो होमगार्ड स्वयंसेवक भुगतान का मामला: साठगांठ से चल रहा है खेल, थाना अधिकारी से माहनिदेशक तक शिकायत,जिम्मेदार मौन
डूंगरपुर। स्मार्ट हलचल/होमगार्ड स्वयंसेवक की ड्यूटी में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जहां बिना ड्यूटी पर गए दो होमगार्ड स्वयसेवक को वेतन का भुगतान कर दिया। ताजा मामला डूंगरपुर जिले का है। जहां होमगार्ड दीपक शर्मा और सादेकिन खान को पिछले 10 सालों से बिना 8 घंटे ड्यूटी किये विभाग दोनों पर मेहरबान है। और उन्हें भुगतान कर रहा है। इसको लेकर पुलिस के महानिदेशक तक को शिकायत की गई। लेकिन, अभी तक इन दोनों के खिलाफ़ और गड़बड़ी में शामिल अधिकारियों पर कोई कारवाई नहीं की है। दरअसल, शास्त्री कॉलोनी निवासी कुलदीप सिंह झाला पिता दोलत सिंह झाला ने पुलिस के महानिदेशक को लिखित में शिकायत भेजी। शिकायत में बताया कि होमगार्ड विभाग के स्वयंसेवक दीपक शर्मा और सादेनिक खान दूसरे स्वयंसेवक की तरह 8 घंटे ड्यूटी पर नहीं जाते है। लेकिन, पिछले 10 सालों बिना 8 घंटे ड्यूटी किये भुगतान उठा रहे है।
दोनो है वॉलिंटियर स्वयं सेवक
दीपक शर्मा और सादेनिक खान होमगार्ड विभाग डूंगरपुर में वॉलिंटियर है। जिसका काम होता है की रात्रि गस्त / कानून व्यवस्था में नियोजित स्वयंसेवकों की ड्यूटी की जानकारी देना ये तय करना है। साथी बाकी स्वयंसेवकों की तरह उन्हें 8 घंटे ड्यूटी करनी होती है। आमतौर पर स्वयंसेवकों का काम होता है पुलिस से साथ मिलकर कानून व्यवस्था को कायम रखने का। होमगार्ड को रात्रि गस्त, चेकपोस्ट और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें ड्यूटी पर लगाया जाता है।
8 घंटे करनी होती है ड्यूटी
नियम अनुसार स्वयंसेवकों 8 घंटे ड्यूटी करनी होती है। जिसकी आमद संबंधित थाने में करवानी होती है। उसी के अनुसार स्वयंसेवकों को भुगतान होता है। 8 घंटे ड्यूटी करने के बाद एक स्वयं सेवक 797 रूपये का भुगतान किया जाता है। लेकिन दीपक शर्मा और सादेनिक खान बिना 8 घंटे ड्यूटी पर जाए मिलीभगत से सम्बन्धित थाना अधिकारी से उपस्थिति प्रमाण पत्र बना लेते है। इसके बाद होमगार्ड समादेष्टा डुंगरपुर से साठगांठ बिठाकर पूरे महीने का भुगतान उठा लेते हैं। इसको लेकर कुलदीप सिंह झाला ने थाना आधिकारी से लेकर महानिदेशक तक शिकायत की है। इसके बावजूद भी गड़बड़ी करने वाले जिम्मेदारों पर कोई कारवाई नहीं की गई। आखिर विभाग की इनके ऊपर कारवाई नहीं करना कई सारे सवाल खड़ा करता है। ऐसे में विभाग में इतनी बड़ी गड़बड़ी के बाद भी आला अधिकारी मौन बैठे हुए हैं।
इस संबंध मे परिवादी कुलदीप सिंह झाला ने जहां जहां परिवाद भेजे वहां सभी जगह सूचना के अधिकार के तहत दीपक शर्मा, सादेकिन जमाल पठान स्वयसेवक की थानाधिकारी कोतवाली, पुलिस अधीक्षक डुंगरपुर से पुलिस देनिक डायरी, रोजनामचे आमद की प्रमाणित सूचना चाही है। जो वर्तमान तक पुलिस विभाग ने उपलब्ध नही कराई।
षड्यंत्र कर भुगतान उठा रहे है दोनों स्वयसेवक
रात्रिगस्त हो या कानून व्यवस्था ड्यूटी होमगार्ड समादेष्टा प्रति माह उक्त स्वयसेवक को का नाम ड्यूटी नियोजन आदेश मे नाम संबंधित थाना अधिकारी कोतवाली डूंगरपुर को नाम भेज कर ड्यूटी पर लेने का आदेश जारी करते है उक्त आदेश में अन्य स्वयसेवक का भी नाम होता है जो नियम के अनुसार आमद करवाकर 8 घंटे ड्यूटी करते हैं। परंतु दीपक शर्मा, सादेकिन जमाल पठान बिना आमद करवाए बिना 8 घंटे ड्यूटी किये अन्य स्वयसेवक के साथ अपनी उपस्थिति प्रमाण थानाप्रभारी से सत्यापित करवा लेते है और उसी आधार पर होमगार्ड समादेष्टा भुगतान बिल तैयार हस्ताक्षर कर कोष कार्यालय डूंगरपुर भेजते है। जिस आधार पर स्वयंसेवक को का भुगतान होता है।
कुलदीप सिंह झाला ने शिकायत मे बताया की इस जालसाजी की जानकारी डूंगरपुर समादेष्टा को पूर्व मे दी जा चुकी है। परंतु इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई और ये दोनों स्वयसेवक पिछले 10 वर्षो से बिना 8 घंटे ड्यूटी किये भुगतान उठा रहे है। वर्तमान मे एक स्वयसेवक को पुलिस के साथ वर्दी मे ड्यूटी करने पर 797 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मिलते है जो महीने का तरकीबन वर्दी धुलाई भत्ता मिलाकर 24 से 25 हजार रुपये बनता है जो उक्त दोनों स्वयसेवक घर बैठे वर्षो से बिना ड्यूटी किये घर बैठे लाभ ले रहे है। रात्रिगस्त/ कानून व्यवस्था ड्यूटी का बजट सरकार द्वारा अलग से पुलिस विभाग को प्रति वर्ष दिया जाता है। जिसमे पुलिस विभाग होमगार्ड विभाग से रात्रिगस्त, कानून व्यवस्था ड्यूटी के लिए होमगार्ड स्वयसेवक की माँग करता है। जिसमे स्वयसेवक को 8 घंटे ड्यूटी करना अनिवार्य होता है। दीपक शर्मा, सादेकिन जमाल पठान स्वयसेवक द्वारा सरकार द्वारा जारी बजट का लाभ बिना ड्यूटी किये वर्षो से घर बैठे लिया जा रहा है।
षड्यंत्र या मिलीभगत
समादेष्टा उक्त स्वयसेवक दीपक कुमार, सादेकिन जमाल पठान का ड्यूटी नियोजन आदेश जारी कर नाम अन्य स्वयसेवक के साथ भेजते है। थाना प्रभारी उपस्थिति प्रमाणित कर प्रति माह देता है उपस्थिति प्रमाण के आधार पर समादेष्टा बिल तैयार कर कोष कार्यालय भेजते है और भुगतान होता है। कार्यवाही के नाम आलाअधिकारी मौन…देखना यह की उक्त स्वयसेवक दीपक कुमार शर्मा, सादेकिन जमाल पठान पुलिस विभाग मे ड्यूटी आमद रवानगी करवाते है या नही अन्य स्वयसेवक की भाति 8 घंटे ड्यूटी कहा किस बिट पर देते है व इन्हें ड्यूटी के दौरान किन किन अधिकारीयों ने चेक किया ये सब पुलिस देनिक डायरी मे नोट होता है। जो 24 घंटे अपडेट रहती है। जिसे पुलिस जब चाहे तब देख सकती है। फिर देरी क्यु कोन बचा रहा है। दोनों स्वयसेवक को या सारा खेल आला होमगार्ड विभाग से लेकर पुलिस विभाग के साथ मिलकर सरकार के बजट मे वर्षो से सेंध लगा रहे है। इसकी पूरी निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए कागजो मे ड्यूटी, भुगतान और ड्यूटी के नाम पर घर बैठे भुगतान जांच का विषय है।