रक्तदान को महादान कहा जाता है. रक्तदान कर आप किसी जिंदगी को बचा सकते हैं. जब किसी व्यक्ति में खून की कमी हो जाती है तो उसे उसी के Blood Group का Blood उसे चढ़ाया जाता है, लेकिन, क्या कभी आपने यह सोचा है कि अगर किसी इंसान को गलत खून चढ़ा दिया जाए तो क्या होगा ? क्या ऐसा होने पर रिसीवर की मौत हो सकती है?
क्या होगा अगर किसी व्यक्ति को चढ़ा दिया जाए दूसरे ब्लड ग्रुप का खून?
“किसी मरीज को खून चढ़ाने का काम बहुत ही सावधानी से किया जाता है। जब किसी व्यक्ति को सेम ब्लड ग्रुप का भी खून चढ़ाया जाता है तो कई बातों का ध्यान रखा जाता है। सेम ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने से भी कई बार व्यक्ति को एलर्जी और इन्फेक्शन हो सकता है। खून चढ़ाते वक्त इंफेक्शन और एलर्जी को रोकने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करते हैं।”
डॉक्टर का कहना है कि जब किसी व्यक्ति को दूसरे ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाया जाता है तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। आसान भाषा में इसे समझें तो अगर व्यक्ति का ब्लड ग्रुप A+ है और उसे AB+ ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया जाता है तो शरीर में अलग-अलग एंटीजन के रिएक्शन शुरू हो जाते हैं। धीरे-धीरे ये एंटीजन एक साथ इकट्ठा हो जाते हैं और खून संचारित करने वाली नसों को ब्लॉक कर देते हैं। जब नसें ब्लॉक हो जाती हैं तो शरीर का ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है। इसकी वजह से पहले किडनी काम करना बंद कर देती है।
गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने के बाद इंसान के बचने की उम्मीद क्या है?
एक्सपर्ट का कहना है कि जब किसी व्यक्ति को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाया जाता है तो हीमोग्लोबिन प्लाज्मा में गिरने लगता है। इसकी वजह से इंसान को पीलिया होने का भी खतरा रहता है। कुछ मामलों में गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने से नसों की ब्लॉकेज हो जाती है और शरीर में खून का संचार रूक जाता है जिसकी वजह से इंसान की मौत हो सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि 10 में 8 मामलों में पीलिया और किडनी की बीमारी से लोगों को बचाया जा सकता है, लेकिन दूसरे ब्लड ग्रुप का खून चढ़ने वाले की मौत निश्चित ही होती है।
कैसे डिसाइड होता है ब्लड ग्रुप-
हमारा खून प्लाज्मा नाम के तरल पदार्थ में लाल रक्त कोशिका, सफ़ेद रक्त कोशिका और प्लेटलेट्स से बना होता है. लाल रक्त कोशिका को RBC (रेड ब्लड सेल्स) भी कहा जाता है. लाल रक्त कोशिका (RBC) की सतह पर पाए जाने वाले एंटीजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति के अनुसार ही किसी इंसान के ब्लड ग्रुप का पता चलता है.
हमें ब्लड ग्रुप माता-पिता से विरासत में DNA के द्वारा प्राप्त होता है. RBC के मेम्ब्रेन पर दो प्रकार के एंटीजन होते हैं. एंटीजन A और एंटीजन B.अगर खून में एंटीजन A मौजूद है तो ब्लड ग्रुप A है. B एंटीजन मौजूद है तो ब्लड ग्रुप B है. अगर दोनों एंटीजन मौजूद हैं तो ब्लड ग्रुप AB है. अगर दोनों एंटीजन मौजूद नहीं हैं तो ब्लड ग्रुप O है.