कोटड़ी का एतिहासिक जलझूलन महोत्सव:
1151 किलो शक्कर से बने व्यंजनों का विशाल छप्पनभोग दर्शन में उमड़ी भीड़
:- पेकेट बनना शुरू, 2 सितम्बर की रात 1 बजे से भक्तों को बांटा जाएगा प्रसाद
राजेन्द्र बबलू
कोटड़ी\स्मार्ट हलचल|मेवाड़ का एतिहासिक धाम भगवान श्रीचारभुजानाथ के दरबार का भव्य जलझूलन महोत्सव के तहत चल रहे कार्यक्रमो में रविवार को 1151 किलो शक्कर से बने विशाल छप्पनभोग प्रभु श्रीचारभुजानाथ के श्री चरणों मे अर्पित किया गया। भोग के साथ प्रभु कों निहारने के लिए भक्तो की भीड़ उमड़ी। छप्पनभोग का प्रसाद 2 सितम्बर रात 1 बजे से वितरित किया जाएगा। विशाल छप्पनभोग जलझृलन महोत्सव पर पंहुचने वाले भक्तों को प्रसाद वितरण के लिए भक्तों के सहयोग से विशाल छप्पनभोग बना कर रविवार को प्रभू श्रीचारभुजानाथ के श्रीचरणों में अर्पण किया गया। भोग की तैयारी के लिए विगत 21 अगस्त को माण्डल व सरसड़ी के महन्त दीपकपरी महाराज व सर्वसमाज के पदाधिकारियों के द्वारा किया गया। भट्टी मुहुर्त करने के साथ ही गुजराती परिवार के 10 सदस्य नियमित 1151 किलो शक्कर तथा 150 किलो शक्कर बुरे से अलग-अलग तरीके से व्यंजनों के अलावा नमकीन भी तैयार की गई है। वहीं प्रभू के समक्ष प्रसाद के साथ ही अनेक तरह के फल व सब्जियों का भोग भी लगाया गया। जलझूलन महोत्सव के तहत तीसरी बार अयोजित छप्पनभोग में भोग लगने के बाद विशेष आरती की गई जिसमें पंचमुखी दरबार में महन्त लक्ष्मणदास। त्यागी, नृसिंहमन्दिर महन्त सहित पुजारियों ने आरती की। साथ ही राधा अष्ठमी के अवसर पर लगने वाले भोग पर सुबह भगवान का अभिषेक व आरती की गई। वहीं दोपहर 1.15 बजे भक्त छप्पन भोग की झांकी के दर्शन प्रभू का आकर्षित श्रृंगार के साथ किए गए। भोग की आरती के बाद 3.15 बजे तक भोग के दर्शन हुए। इस दौरान भजन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें अनेक कलाकारों द्वारा राधारानी व चारभुजानाथ सहित अन्य भगवान पर आधारित भजनों की प्रस्तूति दी। मन्दिर का विशेष श्रृंगार किया गया। छप्पन भोग प्रसाद वितरण 2 सितम्बर को रात्री 1 बजे से किया जाएगा। भोग को भक्तों के हाथों में पंहुचाने के लिए पेकेट बनाने का काम भक्तों के द्वारा शुरू किया गया।
21 मन्दिरों के भगवान को एक साथ परोसा छप्पनभोग
भक्तों के सहयोग से कोटड़ी में पहली बार 1151 किलो शक्कर से निर्मित विशाल छप्पनभोग कोटड़ी कस्बे में विराजित सभी 21 मन्दिरों के भगवान ने एक साथ भोग ग्रहण कराया गया। भगवान श्रीचारभुजानाथ के दरबार में सम्पूर्ण परिसर प्रसाद के थालों में अनेक प्रकार के व्यंजनों, फल तथा सब्जी के बर्तनों से सजाया गया। वहीं कोटड़ी के चोकी के मन्दिर में विराजित भगवान श्री चारभुजानाथ, सर्वेश्वर महादेव, भीमाशंकर महादेव, नीलेश्वर महादेव, कोर्ट के गणेशजी, राधाकृष्ण, राम-जानकी, रघुनाथजी, नृसिंहद्वारा, अहीर मोल्ला श्याम मन्दिर, लढ़ा मोहल्ला, तोषनीवाल मोहल्ला, सत्यनारायण मन्दिर, आंवलीवाला, चावण्डामाताजी, नाडा के भैरूजी, आदिनाथ जैन मन्दिर, दिगम्बर जैप मन्दिर, बाडियो के बालाजी सहित 21 मन्दिरों के भगवान ने भी एक ही समय पर भोग ग्रहण किया।
कवि सम्मेलन आज भजन संध्या कल
मेंवाड़ का एतिहासक धाम प्रभू कोटड़ी श्याम का जलझूलन महोत्सव धीरे-धीरे परवान पर नजर आ रहा है। 24 अगस्त को रक्तदान शिविर से शुरू हुआ जलझूलन महोत्सव में अनेक कार्यक्रमों के बाद 1 सितम्बर को रात्रि 8 बजे से विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें शशि कान्त यादव, दिनेश देशी घी, कवयित्री भुवन मोहिनी, मोहित शोर्य, गोविन्द राठी, ओम आदर्श काव्यपाठ करेंगे। वहीं 2 सितम्बर को तेजा दशमी के अवसर पर रात्रि में विशाल भजन संध्या आयोजित की जाएगी जिसमें छोटू सिंह रावणा व गोकुल शर्मा भजनों की प्रस्तूति देंगे। जबकि 3 सितम्बर को जलझूलन एकादशी पर भगवान श्रीचारभुजानाथ का अभिषेक, आरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा। वहीं दोपहर 3 बजे भगवान चारभुजानाथ की निज प्रतिमा रत्नजड़ित रेवाड़ी में विराजमान करा कर विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसमें भगवान के साथ अन्य मन्दिरों के भगवान बेवाण में विराजमान हो कर भक्तों के कंधे पर जूलते हुए सरोवर पर जलझूलन के लिए निकलेंगे। संध्या में धर्माऊ तालाब पर झूलने के बाद रातभर भक्तों के कंधों पर विराजमान रहेंगे। साथ ही 4 सितम्बर को वामन जयंती के अवसर पर सुबह 9 बजे भगवान श्री चारभुजानाथ अपने निज धाम पर पुन: विराजमान होने के साथ ही मेले का समापन होगा। मेले में पंहुचने वाले भक्तों को सुविधा मुहैया कराने के लिए श्रीचारभुजा मन्दिर ट्रस्ट व प्रशासन पूरी मुस्तेदी से लगा हुआ है। कोटउ में आने वाले प्रत्येक भक्त को आसानी से दर्शन हो सके इसके लिए भी तैयारियां की जा रही है। उधर, भक्तों के स्वागत में पदयात्रियों की आवभगत को लेकर अलग-अलग टोलियां बना कर कोटड़ी व आसपास के भक्त लंगर लगाने की तैयारी में जुटे नजर आ रहे है ताकि भव्य स्वागत किया जा सके।