अतिवृष्टि से पीड़ित परिवार को न्याय के लिये 16 लोगो का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी
अतिवृष्टि पीड़ितों की जिम्मेदारी उठाये प्रशासन- चर्मेश शर्मा
बूंदी- स्मार्ट हलचल|कहार मोहल्ले बूंदी में 16 सितंबर को रात को अतिवृष्टि से मकान गिरने से पीड़ित परिवार का न्याय की मांग को लेकर आमरण अनशन गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी है। गुरुवार साहब प्रशासन ने सभी अनशनकारियों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। डॉ आशीष शर्मा के नेतृत्व में चिकित्सा टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण किया।एक अनशनकारी रूपशंकर कहार की तबीयत बिगड़ने पर प्रशासन ने चिकित्सालय में भर्ती करवाया है।
राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा भी पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ आमरण अनशन पर बैठे है।दूसरे दिन भी पीड़ित परिवार के सदस्य रमेश कहार, दुर्गाशंकर कहार,सूरजमल कहार,रूपशंकर कहार, रामशोभा कहार, जानकी कहार, कमला कहार, मंजू कहार, मोहिनी कहार,रुक्मिणी कहार, पिंकी कुमारी, कोमल कुमारी,प्रमिला कहार,डोली कहार,राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा व एनएसयूआई शहर अध्यक्ष अमन राठौर सहित कुल 16 लोग आमरण अनशन पर है। 85 वर्षीय महिला कमला कहार भी दो दिन से आमरण अनशन पर डटी हुयी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन हमारे परिवार के साथ अन्याय कर रहा है।हमें मजबूरी में अनशन करना पड़ रहा है।
जर्जर दीवार को हटाने की कार्यवाही शुरू
आमरण अनशन के बाद बुधवार को ही बूंदी नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता व नगर परिषद के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और सबसे पहले अनशनकारियों की मांग के अनुसार बुधवार रात तक अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त मकान की जो दीवार 30 फीट ऊंचाई से सार्वजनिक गली में क्षतिग्रस्त होकर गिरने की स्थिति में हो रही थी उसे हटाया। आज गुरुवार को मलवा हटाने की कार्यवाही की जा रही है।पीड़ित परिवार के सदस्य रमेश कहार व दुर्गाशंकर कहार ने कहा कि अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त व जर्जर हुये मकान का क्षतिग्रस्त हिस्सा पूरी तरह हटाकर पीड़ितों को राहत देने तक आमरण अनशन जारी रहेगा।
9 दिन से तहसील में ही अटकी मुआवजे की कार्यवाही
पीड़ित परिवार के सदस्य से रमेश कहार ने कहा कि 16 सितंबर को मकान गिरा था जिसके बाद प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने परिवार की सुध नहीं ली है। बुधवार को आमरण अनशन के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर बूंदी सिटी पटवारी मौके पर आये थे जिनसे पता चला कि मुआवजे की कार्यवाही 9 दिन बाद भी तहसील में ही की अटकी हुई है।
प्रशासन की संवेदनहीनता असहनीय- शर्मा
पीड़ित परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठे राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक व पीसीसी सदस्य चर्मेश शर्मा ने कहा कि अतिवृष्टि से मकान गिरने के 10 दिन बाद भी प्रशासन की संवेदनहीनता स्पष्ट नजर आ रही है जो असहनीय है। प्रशासन की संवेदनहीनता और संवादहीनता से पीड़ित परिवार को आमरण अनशन पर विवश होना पड़ा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। शर्मा ने कहा कि प्रशासन को बूंदी में अतिवृष्टि पीड़ितों की जिम्मेदारी उठानी चाहिये।


