Homeराज्यक्या है तेलंगाना का फोन टैपिंग विवाद, जिसमें पूर्व खुफिया प्रमुख आरोपी?

क्या है तेलंगाना का फोन टैपिंग विवाद, जिसमें पूर्व खुफिया प्रमुख आरोपी?

hyderabad court phone tapping: हैदराबाद की एक अदालत  ने रविवार को फोन टैपिंग और सबूत नष्ट करने के मामले में तेलंगाना के दो पुलिस अधिकारियों को  14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया , भूपालपल्ली जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एन भुजंगा राव और हैदराबाद सिटी पुलिस के सिटी सिक्योरिटी विंग के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त तिरुपथन्ना को मजिस्ट्रेट के सामने उनके घर पर पेश किया गया

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले तेलंगाना में हंगामा मचाने वाले फोन टैपिंग मामले में राज्य के खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टी प्रभाकर राव को आरोपी नंबर-1 बनाया गया है. के चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पिछली बीआरएस सरकार के दौरान राव के आदेश पर विपक्षी नेताओं के फोन को अवैध रूप से टैप करके इलेक्ट्रॉनिक डेटा इकट्ठा किया गया. अभी राव कथित तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं, जिनके नाम पर लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. हैदराबाद में राव के घर समेत करीब एक दर्जन अन्य जगहों की तलाशी ली गई है.

इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में पुलिस ने पूर्व एसआईबी प्रमुख टी प्रभाकर राव और आयुक्त के कार्यबल(हैदराबाद पुलिस की एक शाखा) के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त पी राधाकृष्ण और एक तेलुगु टीवी चैनल के एक वरिष्ठ कार्यकारी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया क्योंकि वे मामले में जांच के लिए उपलब्ध नहीं हुए और कथित तौर पर सहयोग नहीं कर रहे थे, उनके विदेश चले जाने का भी संदेह है। दोनों अपर पुलिस अधीक्षकों पर एसआईबी के निलंबित डीएसपी डी प्रणीत राव के साथ सांठगाठ करने का आरोप है। प्रणीत राव को पहले हैदराबाद पुलिस ने विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से खुफिया जानकारी मिटाने के साथ-साथ पिछली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के दौरान कथित फोन टैपिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।

इस विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘पूछताछ के दौरान दोनों पुलिस अधिकारियों ने रिपोर्ट किए गए अपराधों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। इनमें निजी व्यक्तियों की निगरानी करने के लिए उनके अवैध प्रोफाइल बनाने की साजिश रचने, अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करने, पहले से ही गिरफ्तार और निलंबित चल रहे डीएसपी डी प्रणीत कुमार उर्फ ​​प्रणीत राव और कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ सांठगांठ कर अपनी संलिप्तता को छुपाने के लिए सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करके सबूतों को गायब करने के आरोप शामिल है।’’ अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच चल रही है।

पुलिस ने पहले बताया था कि 13 मार्च को अज्ञात व्यक्तियों की प्रोफाइल विकसित करने और उन्हें गुप्त रूप से, बिना प्राधिकरण की मंजूरी अवैध रूप से निगरानी करने के अलावा, कुछ कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक डेटा को नष्ट करने के आरोप में प्रणीत राव को गिरफ्तार किया गया था। प्रणीत राव को हाल ही में तेलंगाना सरकार ने निलंबित कर दिया था। वह पिछली बीआरएस सरकार के दौरान डीएसपी थे और बाद में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय में कार्यरत थे। उन पर पहले विपक्षी दल के नेताओं के फोन टैप करने का आरोप लगे थे। एसआईबी के एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा 10 मार्च को दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पंजागुट्टा पुलिस थाना में प्रणीत राव और अन्य के खिलाफ एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात, सबूतों को गायब करने, आपराधिक साजिश और आईपीसी, पीडीपीपी अधिनियम और आईटी अधिनियम-2000 की अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

पुलिस के मुताबिक, पिछले हफ्ते गिरफ्तार किए गए भुजंगा राव और तिरुपथन्ना ने अवैध रूप से निजी व्यक्तियों की जासूसी करने और सबूत नष्ट करने की बात कबूल की है

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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