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धामेंडा धाम में वन विभाग द्वारा अवैध कटाई को लेकर की कार्यवाही, कटाई के औजार किये बरामद

महिलाओं को भविष्य मे हरे पेड़ों की कटाई न करने के लिए किया पाबंद, कार्यवाही रहेगी प्रतिदिन जारी

नारायणपुर । स्मार्ट हलचल|उपखण्ड के प्राचीन अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित बाबा पीर संज्यानाथजी महाराज की तपोस्थली धामेंडा धाम में प्रतिदिन महिलाओं व व्यक्तियों द्वारा हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही थी जिसको लेकर वनरक्षक देशराज मीणा, रणजीतसिंह, वन मित्र रमेश आदि ने बताया कि वन विभाग घाटा रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी जितेंद्र कुमार सैन के निर्देशानुसार गुरुवार को प्रातः काल धामेंडा़ धाम पहुंचे तो वन विनाश करने वाले लोगों में हड़कंप मच गया एवं कुछ महिलाएं मौके से फरार हो गई। वन विभाग कर्मचारीयों द्वारा हरे पेड़ों की अवैध रूप से कटाई करने वाले व्यक्तियों एवं महिलाओं से कटाई के औजार दराती, कुल्हाड़ी, रस्सी तथा उनके द्वारा काटे गए हरे लकडियों के बण्ड़ल को जप्त किया गया तथा भविष्य में उनको हरे पेड़ पौधों की कटाई नहीं करने एवं पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने के लिए पाबंद किया गया। यह कार्यवाही प्रतिदिन वन विभाग के द्वारा की जाएगी। जानकारी के अनुसार धामेंडा़ धाम गौशाला परिक्षेत्र में श्री कृष्णा शिक्षा एवं ग्रामीण विकास समिति ने बिना किसी सरकारी सहायता के द्वारा इस तपोस्थली में आमजन व संस्था के सहयोग से बरगद, पीपल, गूलर सहित लगभग 4 हजार पौधारोपण किया जा चुका है जिसका प्रतिदिन प्रातः काल देखरेख, खाद, पानी की समुचित व्यवस्थाएं की जाती है। जिसके परिणाम स्वरूप आज पौधे हरे भरे दिखाई देने लगे हैं। यदि इस प्रकार अवैध कटाई चलती रही तो इस क्षेत्र को हरा भरा व खुशहाल होने में अवरोध पैदा होगा, इसलिए वाल क्षेत्रवासी पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन में सहयोग करें ताकि इस क्षेत्र को हरा-हरा व खुशहाल किया जा सके। धामेंडा़ धाम के महंत पीर विवेकनाथ महाराज ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण हर नागरिक का दैनिक कर्तव्य है न कि केवल एक दिन की जागरूकता। वाल क्षेत्रवासियों को अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाकर संतुलन बनाए रखना चाहिए, जबकि महिलाएं प्रतिदिन हरे पेड़ पौधों को नुकसान करती है उन्हें जागरूक होकर कटाई को तुरंत बंद कर देना चाहिए। यदि हम पर्यावरण को हानि पहुँचाते हैं, तो अंततः इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे अपने परिवारों और आने वाली पीढ़ियों पर अवश्य पड़ेगा। कोरोना महामारी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण था जो ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटकना पड़ा था। ऑक्सीजन बैक टू एनवायरनमेंट के सपने को साकार करने के लिए पर्यावरण संरक्षण की महती आवश्यकता है।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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