बनेठा थाना पुलिस ने अवैध बजरी खनन मामले में 15 दिन से फरार चार आरोपियों को किया गिरफ्तार,
– मजिस्ट्रेट जमानत याचिका खारिज कर चारों मुल्जिमों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा,
– अब पुलिस द्वारा 13 डम्पर चालकों व मालिकों को गिरफ्तार किया जाना शेष
शिवराज मीना
टोंक/उनियारा\स्मार्ट हलचल/जिले की बनेठा थाना पुलिस ने पुलिस अधीक्षक संजीव नैन के निर्देशानुसार बीते दिनों 6 / 7 फरवरी की मध्य रात्रि को बनास नदी तन मीनों की झोपड़ियां से बजरी भरते वक्त एक साथ टोंक से गठित पुलिस व खनिज विभाग की विशेष टीम द्वारा पकड़े गए 17 डंपर चालकों में से गुरूवार को 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट टोंक के समक्ष पेश किया गया हैं।
बनेठा थाना प्रभारी हरिमन मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि अवैध बजरी खनन/परिवहन के मामले में फरार चल रहे 17 में से 4 डंपर चालकों में सुरेश माली (22) निवासी बूंदी का गोठड़ा जिला बूंदी, रतन लाल मीणा (20) निवासी रामा का खेड़ा शक्करगढ़ जिला शाहपुरा, मोहम्मद अकील (31) निवासी तालाब गांव थाना हिंडौली जिला बूंदी तथा शमशेर (37) पुत्र अब्दुल सत्तार निवासी हिंडौली जिला बूंदी को गिरफ्तार किया गया हैं। जिन्हें न्यायालय सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट टोंक के समक्ष पेश किया गया, जहां से मजिस्ट्रेट ने चारों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश जारी किए गए हैं।
—— पुलिस व खनिज विभाग की संयुक्त टीम ने 6 फरवरी की मध्य रात्रि को 17 डम्पर जप्त करने की हुई थीं कार्यवाही —— गौरतलब कि अवैध बजरी खनन/परिवहन की लगातार शिकायतों के चलते विगत दिनों 6 / 7 फरवरी की मध्य रात्रि को तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक टोंक राजर्षी राज वर्मा के आदेश पर टोंक जिला पुलिस एवं खनिज विभाग की विशेष टीम गठित कर बनास नदी बनेठा क्षेत्र में रेड डालकर विशेष संयुक्त टीम ने बनास नदी तन मीनों की झोपड़ियां के समीप से अवैध बजरी खनन करते वक्त 17 डम्परो के साथ एक लोडर को जप्त करने की कार्यवाही कर डंपर मालिको व चालकों के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर 7 फरवरी को थाना बनेठा पर अपराध धारा 379, 188 आईपीसी व 4/21 एमएमआरडी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
—— अवैध बजरी खनन परिवहन रोकने में लापरवाही बरतने पर इन पर गिरी थी गाज ——
उनियारा सर्किल क्षेत्र में बढ़ रहे अवैध बजरी परिवहन की लगातार शिकायतों के चलते तथा अवैध बजरी खनन व परिवहन को रोकने में लापरवाही बरतने सहित बजरी माफियाओं को संरक्षण देने की संदिग्ध संलिप्ता के चलते स्वयं तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक राजर्षी राज वर्मा ने बनेठा थाने का निरीक्षण कर सर्किल थाना प्रभारियों की बैठक लेने के बाद अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने के चलते तत्काल प्रभाव से तत्कालीन थाना प्रभारी नरेन्द्र सिंह समेत 2 सिपाहियों में सरकारी जीप चालक कांस्टेबल गणेश जाट व एक अन्य कांस्टेबल को लाईन हाजिर किया गया था तथा लाईन हाजिर एसएचओ सहित 2 कांस्टेबलों के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक ने अलग से विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए थे।
—— तत्कालीन एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बजरी परिवहन में लिप्त डम्परो के रजिस्ट्रेशन निरस्त कराने की कही थी बात ——
वहीं तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजर्षी राज वर्मा ने 7 फरवरी की शाम को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मिडिया प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर 17 डम्परो समेत एक लोडर को जप्त कर सीज करने की बात कही थी। साथ ही पुलिस अधीक्षक ने अवैध बजरी परिवहन में लिप्त जप्त शुदा 17 डंपरों का जिला परिवहन कार्यालय में उक्त वाहनों का डाटा भिजवाकर वाहन रजिस्ट्रेशन निरस्त कराने का हवाला दिया गया था। लेकिन जानकार सूत्रों के मुताबिक ऐसा होता नजर नहीं आ रहा, लेकिन अब देखना यह होगा कि तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक की कथनी और आदेशों पर स्थानीय पुलिस कितनी खरी उतर पाती हैं।
—— सांठगांठ कर पुलिस एमएमआरडी एक्ट के मुकदमों को बदल रही वन अधिनियम की हल्की धारा में ——-
वहीं अवैध बजरी व पत्थर के जप्त शुदा वाहनों का जुर्माना बचाने व वाहनों को आसानी से छुड़ाने के लिए क्षेत्र की माफियाओं के विरूद्ध पुलिस सौतेली कार्यवाही कर माफियाओं से सांठगांठ कर जप्त शुदा वाहनों का हल्का मुकदमा दर्ज कर या फिर धारा 4/21 एमएमआरडी एक्ट के दर्ज मामले में सांठगांठ कर वन अधिनियम की धारा 41, 42 हल्की धारा में बदलने से बजरी के वाहन आसानी से छूट जाते हैं। जबकि सौतेली कार्यवाही से कई बजरी के वाहनों को राजनेतिक दबाव या मोटी कमाई लेकर बिना मुकदमें के ही राठौड़ी में बचा लिया जाता हैं। पुलिस की इसी कालास्तानी से क्षेत्र में बजरी माफिया तन्त्र जोरों पर पनप रहा हैं। जिसके चलते क्षेत्र में बजरी माफिया वाहनों से आएदिन निर्दोष राहगीर, आमजन व गौवंशों के साथ घटना दुर्घटनाओं के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। जिससे कई निर्दोष राहगीर, आमजन व गोवंश मौत के घाट उतर रहे हैं, फिर भी क्षेत्र के पुलिस की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नजर आता नहीं दिखाई दे रहा हैं।