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लंबित श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन को लेकर श्रम मंत्री से मिला एनएफआईटीयू प्रतिनिधिमंडल

सुनील बाजपेई
कानपुर।स्मार्ट हलचल|मोदी सरकार के एक महत्वपूर्ण फैसले ने मजदूर श्रमिकों को अभूतपूर्व उत्साह और खुशी से लबरेज कर दिया। इसे श्रमिकों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक बहुत प्रभावी कदम भी माना जा रहा है। इसका संबंध मोदी सरकार में वर्षों से लंबित चल रही श्रम संहिताओं का क्रियान्वयन किया जाना है। इसके लिए हाल में ही नेशनल फ्रंट ऑफ इण्डिया ट्रेड यूनियन (डीएचएन) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ.दीपक जायसवाल के नेतृत्व में एनएफआईटीयू का एक प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली में श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से मिला था, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ दीपक जायसवाल ने श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया से श्रम संहिताओं के संदर्भ में बहुत ही सार्थक एवं सकारात्मक चर्चा की। जिसका सार्थक परिणाम सामने आने पर अध्यक्ष डॉ दीपक जायसवाल ने केंद्र सरकार द्वारा वर्षों से लंबित चारों श्रम संहिताओं को लागू किए जाने का हृदय से स्वागत भी किया। वहीं इस बारे में एनएफआईटीयू ने श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ.मांडविया द्वारा मजदूर श्रमिकों के हित में लिए गए इस महत्वपूर्ण फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ये श्रम संहिताएँ न्यूनतम मजदूरी की बाध्यता, सामाजिक सुरक्षा का विस्तार, महिलाओं के लिए समान वेतन, युवाओं हेतु नियुक्ति-पत्र की अनिवार्यता, सुरक्षित कार्य-परिस्थिति, विवाद निवारण की सरल प्रक्रिया-देश के करोड़ों श्रमिकों के जीवन में ना केवल ऐतिहासिक सुधार और सम्मानजनक परिवर्तन लाएंगी वल्कि पारदर्शिता, स्थिरता और सुरक्षा भी सुनिश्चित करेंगी।
इसी के साथ एनएफआईटीयू ने ईएसआईसी और ईपीएफओ का कवरेज तत्काल बढ़ाने, असंगठित क्षेत्र, गिग वर्कर्स, प्लेटफॉर्म श्रमिकों और माइक्रो-एंटरप्राइज श्रमिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा, पेंशन और भविष्य निधि से जोड़ने का भी विशेष आग्रह भी करते हुए ई-श्रम पोर्टल से जुड़े श्रमिकों को भी चरणबद्ध रूप से ईएसआईसी और ईपीएफआ लाभों में सम्मिलित करने का भी महत्वपूर्ण सुझाव रखा।
जिस पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने एनएफआईटीयू के सुझावों को गंभीरता से सुनकर विभागीय स्तर पर त्वरित परीक्षण और सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।
वहीं दूसरी ओर एनएफआईटीयू के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. विराट जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि
एनएफआईटीयू श्रमिक कल्याण, सामाजिक सुरक्षा विस्तार और रोजगार सृजन के क्षेत्र में सरकार के साथ रचनात्मक सहयोग लगातार जारी रखेगा।
इसबीच एनएफआईटीयू उत्तर प्रदेश के महामंत्री राकेशमणि पाण्डेय व उपाध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद जायसवाल ने भी श्रम कानून सुधारों पर संतोष व्यक्त करते हुए यह विश्वास भी जताया है कि भारत सरकार प्रत्येक मजदूरों के हितों के संरक्षण के लिए उन्हें न्यूनतम वेतन, समुचित रजिस्टर पर नाम, नियुक्ति पत्र, भविष्यनिधि, राज्य कर्मचारी बीमा हितलाथ, क्षतिपूर्ति ग्रेच्युटी और अन्य संगत प्राविधानों के तहत हितलाभ देना सुनिश्चित करेगी और इसके हितलाभों को कुचलने वालो पर कठोर कार्यवाही भीअवश्य करेगी।
महासचिव राकेश कुमार पांडे ने कहा कि तमाम श्रम कानूनो के साथ तमाम अनुपयोगी कानूनों को भी मोदी सरकार ने खत्म करके एक नया अध्याय लिखा है। उन्होने इसी तरह से और भी कानूनो के मकड़जाल से निजात दिलाने के लिए मोदी सरकार की प्रसंशा की है।
राकेशमणि पाण्डेय ने कहा कि चीन में सबसे छोटा कानून है लेकिन वहां कोई अपराधी कानून से बचता नहीं है। भारत में विशाल कानून और लम्बा चौड़ा कानून है और यहां कोई भी अपराधी दण्ड़ित नहीं होता है बल्कि वह लाल फीता शाही प्रशासन, न्यायालय और राज नेताओं के वरद हस्त लेकर अपराध पर अपराध करता जाता है और आम जनमानस त्रसित और व्यथित होकर जीवन जीने को मजबूर है।
राकेशमणि पाण्डेय और लक्ष्मण प्रसाद जायसवाल ने केन्द्र व यूपी सरकार से सभी स्तर के प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को श्रम कानून की परिधि में लाने की भी जोरदार मांग करते हुए कहा कि इनके नियोक्ता सांसद, विधायक ,मंत्री ,राजपत्रित अधिकारी और विशेष उद्योग पति होते है, जो अपने नियोजित कर्मचारियों का खुलकर शोषण करते है। उन्होंने बतायाकि अब एनएफआईटीयू चारो श्रम संहिताओं पर जिले स्तर पर सेमिनार करके इसके गुण दोषों पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके प्रकाशित करने के साथ ही उसे सरकार के साथ-साथ आम श्रमिक जनमानस को भी उपलब्ध करायेंगी।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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