(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
वाराणसी।स्मार्ट हलचल|रेलवे बोर्ड के सदस्य (परिचालन एवं व्यवसाय विकास) हितेंद्र मल्होत्रा के एक दिवसीय वाराणसी दौरे ने पूरे मंडल के अफसरों में हलचल मचा दी। सुबह बनारस स्टेशन पर पहुंचते ही उन्होंने निरीक्षण का ऐसा सिलसिला शुरू किया, जो शाम तक बिना रुके चलता रहा। उनके साथ प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक प्रकाश चन्द जायसवाल, मंडल रेल प्रबंधक आशीष जैन, मुख्य मालभाड़ा यातायात प्रबंधक एस.के. शुक्ला सहित कई मंडलीय अधिकारी मौजूद रहे। निरीक्षण के बाद उन्होंने सभी विभागों की संयुक्त समीक्षा बैठक भी ली।
मल्होत्रा ने सबसे पहले बनारस रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। यहाँ उन्होंने वाणिज्यिक गतिविधियों, परिचालनिक प्रबंधन, व्यवसाय के नए अवसरों और स्टेशन विकास की संभावनाओं पर गहराई से नजर डाली। सर्कुलेटिंग एरिया, प्रथम व द्वितीय प्रवेश द्वार, प्लेटफॉर्म संख्या 1 और 8 पर स्थित कार्यालयों में जाकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को राजस्व बढ़ाने के स्पष्ट और कड़े निर्देश दिए।
अनारक्षित टिकट काउंटरों पर भीड़ देखकर उन्होंने ATVM और मोबाइल टिकटिंग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने स्टेशन पर नामचीन कंपनियों के आउटलेट खोलने और बिज़नेस एक्टिविटी बढ़ाने की भी सलाह दी। सेकेंड एंट्री के पार्किंग क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए मल्होत्रा ने ओपन पार्किंग को सीमित कर पैसेंजर होल्डिंग एरिया विकसित करने और वहीं अनारक्षित टिकट काउंटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने स्टेशन और ट्रेनों में काम कर रहे सभी संविदा कर्मचारियों को QR कोडयुक्त डिजिटल पहचान पत्र जारी करने का निर्देश दिया, ताकि अनधिकृत व्यक्तियों की रोकथाम हो सके। इसके बाद उन्होंने रूट रिले इंटरलॉकिंग भवन का निरीक्षण किया और पैदल उपरिगामी पुल से यार्ड की स्थिति परखते हुए स्टेबलिंग लाइन बढ़ाने पर अधिकारियों से चर्चा की।
निरीक्षण का अगला पड़ाव था—बनारस कोचिंग डिपो में स्थित बहुविषयक प्रशिक्षण केंद्र। यहाँ उन्होंने प्रशिक्षुओं को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देने पर जोर देते हुए कहा कि स्किल्ड कर्मचारी ही सुरक्षित और बेहतर संचालन की रीढ़ होते हैं।
तदुपरांत वह मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पहुंचे, जहाँ उन्होंने दोहरीकरण परियोजनाओं, ब्रिज निर्माण, ओवरब्रिज कार्य, समय-पालन, संरक्षा, माल और यात्री गाड़ियों के संचालन तथा वाणिज्यिक विकास योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने सभी स्टेशनों को ‘अर्निंग स्टेशन’ के रूप में विकसित करने और शहरी क्षेत्र व ट्रैक किनारे व्यवसायिक होल्डिंग लगाने जैसे निर्देश दिए।
सुरक्षा मानकों, एसेट विफलता कम करने, पार्सल और गुड्स शेड में व्यापारियों को त्वरित सेवा उपलब्ध कराने, कर्मचारियों को अधिक दक्ष बनाने सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर उन्होंने विशेष ध्यान दिया। उन्होंने साफ कहा कि परिवहन सेवाओं के लिए दीर्घकालिक व अल्पकालिक योजनाएं तैयार की जाएं और सभी विभाग बेहतर तालमेल के साथ कार्य करें।
अंत में उन्होंने तकनीक और आधुनिक संसाधनों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि इन्हीं के माध्यम से ग्राहक संतुष्टि और व्यवसाय वृद्धि को नई ऊंचाई दी जा सकती है। पूरे निरीक्षण की जानकारी जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने मीडिया को दी।


