कॉलेज गेट पर प्रदर्शन, प्रशासन ने स्थिति संभाली, छात्र संगठनों ने दी चेतावनी
भीनमाल।स्मार्ट हलचल| जी.के. गोवानी राजकीय महाविद्यालय) में परीक्षा शुल्क में भारी बढ़ोतरी के विरोध में बुधवार को छात्र सड़कों पर उतरे। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) ने प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क 1200 रुपये से बढ़ाकर 3100 रुपये कर दिया, जिसे लेकर (एनएसयूआई) और (एबीवीपी) के नेतृत्व में छात्रों ने कॉलेज के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
नारेबाजी और विरोध का प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कॉलेज गेट पर धरना दिया और नारेबाजी की। उनका कहना था कि यह शुल्क वृद्धि शिक्षा के व्यवसायीकरण का उदाहरण है, जो गरीब और मध्यमवर्गीय छात्रों के लिए कठिनाई पैदा करेगी। छात्रों का आरोप था कि पहले से महंगाई से जूझ रहे अभिभावकों पर यह अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालेगा, जिसके कारण कई छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।
आक्रोशित छात्रों ने स्टेट हाइवे जाम किया
प्रदर्शन के दौरान छात्र आक्रोशित हो गए और कॉलेज के पास स्थित स्टेट हाइवे को जाम कर दिया। इससे यातायात प्रभावित हुआ और राहगीरों को काफी दिक्कतें आईं। जाम की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे।
उपखण्ड अधिकारी ने स्थिति पर की काबू पाने की कोशिश
स्थिति को गंभीर होते देख उपखण्ड अधिकारी मोहित कसनिया मौके पर पहुंचे और छात्रों से बातचीत की। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से परीक्षा शुल्क वृद्धि को तुरंत वापस लेने की मांग की। प्रशासन ने छात्रों को यह आश्वासन दिया कि मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा, जिसके बाद छात्रों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन समाप्त किया और जाम हटाया।
छात्र संगठनों ने दी चेतावनी
छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि परीक्षा शुल्क वृद्धि का फैसला वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उनका कहना है कि जरूरत पड़ी तो जिला और विश्वविद्यालय स्तर पर बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा। घटना के बाद कुछ समय तक महाविद्यालय परिसर और आसपास के इलाके में तनाव का माहौल था, लेकिन प्रशासन की तत्परता से स्थिति जल्द ही सामान्य हो गई।
इनका कहना है
स्मार्ट हलचल| “परीक्षा शुल्क में इतनी बड़ी बढ़ोतरी सिर्फ छात्रों के लिए नहीं, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी परेशानी का कारण बनेगी। पहले से कई छात्र आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, और इस निर्णय से उनकी पढ़ाई में रुकावट आ सकती है। हम विश्वविद्यालय प्रशासन से तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग करते हैं।”
– हितेश कुमार पारेगी
पूर्व जिला उपाध्यक्ष NSUI जालौर


