– वांछित प्रकरण में कोतवाली टोंक थाने में पूछताछ के बाद देवली अवकाशकालीन न्यायालय में पेश करने पर मजिस्ट्रेट ने फिर से 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजा,
– समरावता प्रकरण में पुलिस का काला कारनामा सीसीटीवी कैमरे में हुआ कैद-ग्रामीणों सहित नरेश मीणा को बदनाम करने की साजिश
(शिवराज बारवाल मीना)
टोंक।स्मार्ट हलचल/जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत कचरावता के समरावता गांव में बीते दिनों 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में मतदान दिवस पर हुए बवाल को लेकर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को उनियारा सर्किल पुलिस ने शनिवार देर शाम को प्रोडक्शन वारंट पर टोंक जिला कारागृह से गिरफ्तार कर कोतवाली टोंक थाने में लाकर पूछताछ के बाद रविवार को अवकाश कालीन न्यायालय देवली में पेश किया। जहां से मजिस्ट्रेट ने आरोपी जननेता नरेश मीणा को फिर से 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश जारी किए हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के मतदान दिवस पर ग्रामीणों द्वारा उनके गांव को 15 किमी. की दूरी उनियारा उपखण्ड से हटाकर 85 किमी. दूर देवली उपखंड में जोड़ दिया गया है, जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे थे और मतदान का बहिष्कार करने की घोषणा कर रखी थी, जहां मतदान बहिष्कार के बावजूद भी 13 नवम्बर को प्रशासन द्वारा ग्रामीणों पर दबाव बनाकर गांव के तीन लोगों का जबरन वोट दिलाने के मामले को लेकर ग्रामीणों की सूचना पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा अपने समर्थकों के साथ समरावता गांव में पहुंचे और अधिकारियों से बात की। जहां निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के जबरन वोट दिलाने की बात को लेकर पोलिंग बूथ पर एरिया मजिस्ट्रेट एसडीएम से भिड़ गए, जब बात बिगड़ी तो अपना आपा खोते हुए नरेश मीणा ने विधानसभा उपचुनाव में एरिया मजिस्ट्रेट (एसडीएम मालपुरा) अमित कुमार चौधरी को जमकर थप्पड़ जड़ दिया, जहां उन्हें पुलिस प्रशासन ने रोका। उसके बाद नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ फिर से धरने पर जा बैठे, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ और गांव में तनाव की स्थिति होने पर पुलिस जाप्ता बढ़ता गया, दूसरी ओर नरेश मीणा के समर्थक भी धरना स्थल पर बढ़ते गए। जिला कलेक्टर को मौके पर ग्रामीणों से वार्ता के लिए बुलाने पर अड़े रहे, लेकिन जिला कलेक्टर मौके पर नहीं आई। शाम को 4 बजे करीब समझाइश के बाद मतदान शुरू हुआ। तनाव की स्थिति उत्पन्न होने पर भी पुलिस नरेश मीणा को दिन में गिरफ्तार नहीं करके सोची समझी चाल व प्रायोजित षडयंत्र के साथ गांव में माहौल खराब करने के लिए रात्रि होने का इंतजार करती रही। एसडीएम के थप्पड़ मारने की रात को करीब 10 बजे खाना खाने की तैयारी शुरू करते समय पुलिस ने ग्रामीणों व अपने समर्थकों के साथ धरना दे रहे नरेश मीणा को गिरफ्तार करने के लिए पहले तो भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, फिर हवाई फायर करते हुए ग्रामीण व समर्थकों को धमकाया गया। उसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा व उसके समर्थको सहित ग्रामीण को खदेड़ना चाहा, नरेश मीणा खुद व उनके समर्थक सहित ग्रामीण जब बचाव के लिए घरों में घुसे तो पुलिस ने घरों में घुसकर ग्रामीण महिला-पुरूषों के साथ बेरहमी से मारपीट की, इतना ही नहीं कुछ मासूम बच्चों के साथ भी जमकर मारपीट करते हुए चोटिल कर दिया। जहां पर करीब 100 के लगभग ग्रामीणों के चोटे आई हैं तथा करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। उसके बाद पुलिस द्वारा उन्हें बदनाम करने की नियत से वहां पर मौजूद दोपहिया व चौपाहिया वाहनों सहित मकानों में तोड़फोड़ करते हुए पत्थरबाजी की और वाहनों में आग लगा दी, इसके बाद गुस्साई भीड़ और पुलिस आमने-सामने हो गए। नरेश मीणा पुलिस से छुड़ाकर चोट आने पर रात में आगजनी से बचाकर नरेश मीणा को लोग धरना स्थल से उठाकर अन्य सुरक्षित जगह पर ले गए और पुलिस जाने के बाद सुरक्षित शरण ली। समरावता गांव आग की लपटों के साथ चारों तरफ से पुलिस की घेराबंदी के बीच छावनी बनता नजर आया और मामला बढ़ता देख प्रशासन के आदेश पर रात में ही करीब 7 जिलों की पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा। जहां पर ग्रामीण सहित नरेश मीणा के समर्थकों व पुलिस प्रशासन के करीब एक दर्जन से ज्यादा वाहन जलकर खाक हो गए, वहीं किसानों के कुछ मकान, छप्पर व चारा भी जलकर राख हो गया। पूरी रातभर समरावता गांव जलता रहा और समर्थकों ने हाईवे जाम कर दिया। निर्दोष ग्रामीण घायल अवस्था में दर्द से पीड़ित होकर रातभर चीखते चिल्लाते रहे। वहीं ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें घरों में घुस-घुसकर लोगों महिलाओं व बच्चों को बेरहमी से मारा पीटा है, इसमें सैकड़ो लोग घायल हो गए। वहीं पुलिस ने कार्यवाही करते हुए घटना की रात को ही करीब 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, बाकी लोगों को जाम लगाने के आरोप में 14 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। वहीं दूसरे दिन 14 नवंबर की सुबह नरेश मीणा अचानक समरावता गांव पहुंचे और लोगों से घर-घर जाकर मिले, जहां ग्रामीणों ने नरेश मीणा को कहा कि आप घबराएं नहीं पूरा गांव आपके साथ हैं। फिर से नरेश मीणा अपने समर्थकों व ग्रामीणों के साथ धरने पर आकर बैठ गए। जहां मीडिया से बातचीत में नरेश मीणा ने कहा कि जिन ग्रामीणों व समर्थकों का नुकसान हुआ है, मैं उसकी भरपाई करूंगा, चाहे मेरे खेत बिक जाए या भीख मांगनी पड़े। बाद में पुलिस को गांव में आने की भनक लगी तो गांव में पहुंचकर पहरा बंदी देते हुए नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया, उसके बाद नरेश मीणा के समर्थकों ने नरेश मीणा की गिरफ्तारी से नाराज होकर क्षेत्र में दो जगह समरावता गांव के नजदीक उनियारा-नैनवा-हिंडोली एनएच 148डी तथा अलीगढ़ थाना में नरेश मीणा की गिरफ्तारी के विरोध में हाईवे को जाम कर दिया, उसके बाद अलीगढ़ में भी समर्थकों द्वारा हाईवे जाम करते हुए कुछ वाहनों में तोड़फोड़ की। पुलिस नरेश मीणा को समरावता से गिरफ्तार करने के बाद टोंक से होते हुए मालपुरा लेकर पहुंची, जहां रातभर रहने के बाद उन्हें 15 नवंबर को वर्चुअल (वीसी) के माध्यम से और 52 अन्य आरोपियों को प्रत्यक्ष रूप से निवाई कोर्ट कैम्प में पेश किया गया, जहां से सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया हैं। पुलिस ने समरावता गांव के उक्त प्रकरण में जिले के तीन थानों नगरफोर्ट, अलीगढ़ और सदर टोंक थाना सहित कुल 5 मुकदमें दर्ज किए हैं, जिनमें नरेश मीणा सहित उनके समर्थकों के विरूद्ध तीन प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इससे पूर्व नरेश मीणा के विरूद्ध 23 प्रकरण दर्ज हैं। प्रोडक्शन वारंट पर नरेश मीणा को टोंक जेल से उनियारा सर्किल पुलिस शनिवार देर शाम को गिरफ्तार कर टोंक कोतवाली थाने में लेकर आई, जहां रातभर नरेश मीना से पूछताछ कर रविवार की शाम को 4:45 बजे वीसी के माध्यम से देवली अवकाश कालीन न्यायालय में पेश किया गया, जहां से मजिस्ट्रेट ने फिर से आरोपी नरेश मीणा को 14 दिन के लिए जेल भेजने के आदेश जारी किए हैं वहीं जानकारी में सामने आया है कि अब नरेश मीणा को शिफ्ट करने की कार्यवाही करने जा रही है।