शाश्वत तिवारी
थिम्पू।स्मार्ट हलचल|भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए भारत और भूटान सरकार के बीच दूसरी भारत-भूटान उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना (एचआईसीडीपी) समिति की बैठक 18 सितंबर को थिम्पू में आयोजित की गई। बैठक के दौरान समिति ने 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के लिए एचआईसीडीपी के दूसरे बैच के रूप में कुल 4.06 अरब न्गुलट्रम (406 करोड़ रुपये) की 297 परियोजनाओं की समीक्षा की और उन्हें मंजूरी दी। इसके साथ ही भूटान के सर्वांगीण विकास में योगदान देने वाली इन योजनाओं में सहयोगी बनते हुए भारत ने अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाया है।
थिम्पू स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व थिम्पू स्थित भारतीय दूतावास के उप-प्रमुख अनिकेत जी. मांडवगाने ने किया, जबकि भूटानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के द्विपक्षीय विभाग में निदेशक पेमा त्सोमो ने किया। इसके साथ ही समिति ने एचआईसीडीपी परियोजनाओं के पहले बैच के कार्यान्वयन की प्रगति की भी समीक्षा की और कुल 4.40 अरब न्गुलट्रम (440 करोड़ रुपये) की 275 परियोजनाओं में संशोधन को मंजूरी दी।
दूतावास ने कहा दोनों देशों के बीच मित्रता एवं सहयोग के अनूठे और स्थायी बंधन को ध्यान में रखते हुए यह बैठक मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित की गई। इन परियोजनाओं से स्थानीय समुदायों के लिए सुगम्यता और आर्थिक अवसरों में वृद्धि होने और बेहतर आजीविका, रोजगार के अवसरों और खाद्य सुरक्षा में योगदान मिलने की उम्मीद है।
एचआईसीडीपी छोटे आकार की परियोजनाएं होती हैं, जिनकी कार्यान्वयन समय-सीमा कम होती है और इनमें ग्रामीण संपर्क, पेयजल आपूर्ति, सिंचाई, कृषि अवसंरचना, बाढ़ सुरक्षा, पर्यटन विकास, टाउनशिप अवसंरचना विकास, अपशिष्ट प्रबंधन जैसे क्षेत्र शामिल होते हैं। इनका कार्यान्वयन विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थानीय सरकारों द्वारा किया जाता है। एचआईसीडीपी के लिए 10 अरब न्गुलट्रम (1,000 करोड़ रुपये) निर्धारित किए गए हैं।