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बायकॉट मालदीव’:मालदीव अब भारतीय पर्यटकों से गुहार लगा रहा है कि वे आएं, उनका स्वागत किया जाएगा

India & Maldives Boycott:भारत से दूरी और चीन से नजदीकी रिश्ते बनाने पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का जोर है। मुइज्जू ने मालदीव में आम लोगों की मदद के लिए भेजे गए भारतीय सेना के जवानों को भी निकालने का फैसला किया। इसके बाद भारत और मालदीव में तनातनी बढ़ी और मुइज्जू सरकार के 3 मंत्रियों ने पीएम नरेंद्र मोदी के लिए अपमानजनक टिप्पणी की। इसके बाद सोशल मीडिया पर ‘बायकॉट मालदीव’ ट्रेंड हुआ और नतीजे में मालदीव से भारतीय पर्यटकों ने दूरी बनानी शुरू कर दी। इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। नतीजे में मालदीव अब भारतीय पर्यटकों से गुहार लगा रहा है कि वे आएं, उनका स्वागत किया जाएगा।

इब्राहिम फैसल ने कहा, ‘‘हमारा एक इतिहास है। हमारी नवनिर्वाचित सरकार भी मिलकर (भारत के साथ) काम करना चाहती है। हम हमेशा शांति और मैत्रीपूर्ण वातावरण को बढ़ावा देते हैं। हमारे लोग और सरकार आने वाले भारतीयों का गर्मजोशी से स्वागत करेंगे। पर्यटन मंत्री के तौर पर मैं भारतीयों से कहना चाहता हूं कि कृपया मालदीव के पर्यटन का हिस्सा बनें। हमारी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर करती है।

मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से खास बातचीत में भारतीयों से निवेदन किया कि वे उनके देश आएं। फैसल ने मालदीव की अर्थव्यवस्था में सहयोग करने का निवेदन किया। बता दें कि 2023 के मुकाबले 2024 के पहले 4 महीने में मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में 42 फीसदी की गिरावट आई है। पहले मालदीव जाने वाले पर्यटकों में पहला स्थान भारतीयों का था, लेकिन अब वहां जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या इतनी घटी है कि वो छठे स्थान पर पहुंच गई है। दरअसल, मालदीव के भारत विरोधी रुख और इस साल 6 जनवरी को पीएम मोदी की तरफ से अपने एक्स हैंडल पर लक्षद्वीप के फोटो और वीडियो साझा करने के बाद मालदीव के मंत्रियों ने उनका अपमान किया था। जिसके बाद से ही भारतीयों ने मालदीव जाना कम कर दिया।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छह जनवरी को ‘एक्स’ पर लक्षद्वीप की कुछ तस्वीरें और वीडियो साझा की थीं जिस पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की। इस घटना को लेकर भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई और लोगों ने सोशल मीडिया में मालदीव का बहिष्कार करने और पर्यटन के लिए वहां नहीं जाने की बात की। इसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में दूरियां बढ़ती चली गईं।

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