IAS Officer कैसे बने? यहाँ जाने पूरी जानकारी-🧭
भारत के पहले आईएएस अफसर कौन थे?
सत्येंद्रनाथ टैगोर इस परीक्षा को पास करने वाले पहले भारतीय थे ।
Indian Administrative Service (IAS) भारतीय सिविल सेवा की एक पोस्ट का नाम है। यह भारत सरकार की मुख्य सेवाओं में से एक है। अनिवार्य प्रतियोगी परीक्षा पास करने के बाद ही एक IAS अफसर बना जा सकता है और सरकारी कर्मचारी बना जा सकता है। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे कई कैंडिडेट्स इस प्रतिष्ठित और लोकप्रिय पद पर नौकरी करना चाहते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से विस्तार से जानते हैं कि IAS kaise bane।
आईएएस अफसर कौन होता है?
मुख्य तौर पर सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को IAS बनाया जाया है। एक IAS अफसर संसद में बनने वाले कानून को अपने इलाकों में लागू करवाते है। साथ ही नई नीतियां या कानून बनाने में भी अहम भूमिका निभाते है। IAS अफसर कैबिनेट सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी आदि भी बन सकते हैं।
IAS अधिकारी के वेतन की बात करें तो ये विभिन संरचनाओं के आधार पर होता है। जैसे कि जूनियर स्केल , सीनियर स्केल, सुपर टाइम स्केल। वेतनमानों में अलग अलग वेतन बैंड होते है। साथ ही उन्हें DA, TA भी मिलता है। इसमें कैबिनेट सेक्रेटरी, अपेक्स, सुपर टाइम स्केल के आधार पर सैलरी बढ़ती जाती है।
IAS बनने के लिए स्किल्स
आईएएस बनने के लिए किन-किन स्किल्स की आवश्यकता होती है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- अनोखी सोच
- नेतृत्व की गुणवत्ता
- जिज्ञासा
- धैर्य
- विश्लेषणात्मक क्षमता
- समय प्रबंधन
- संचार कौशल
- निर्णय लेना
- कल्पना के परे सोचो
IAS अधिकारी के प्रकार
आईएएस अफसर की जॉब प्रोफाइल्स इस प्रकार हैं:
- सब डिविजनल अफसर : सब-डिवीजन में चल रही विभिन्न विकास गतिविधियों के सब डिविजनल ऑफिसर इन चार्ज होते हैं। सब डिविजनल अफसर का काम विभिन्न विभागों के काम के साथ कोऑर्डिनेशन करना है।
- डिविजनल कमिश्नर : डिविजनल कमिश्नर जनरल एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़ी सभी गतिविधियों का कोऑर्डिनेटर होता है जिसमें डिवीजन लेवल पर लॉ एंड आर्डर, रिवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन और डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन शामिल होता है। डिविजनल कमिश्नर अपने डिवीजन में रिवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन का हेड होता है और जिला कलेक्टर के आदेशों के खिलाफ निवेदन सुनता है। वह अपने डिवीजन में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के सभी विंग्स के कार्यों का कोऑर्डिनेशन और सुपरविजन करता है।
- डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट / डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर : डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट डिस्ट्रिक्ट के एडमिनिस्ट्रेशन को सही ढंग से चलाने के लिए जिम्मेदार हैं। वह जिले के भीतर काम करने वाली आधिकारिक एजेंसियों से आवश्यक कोआर्डिनेशन बनाने के लिए चीफ एजेंट है। एक कलेक्टर के रूप में, वह डिस्ट्रिक्ट से रिवेन्यू कलेक्शन के लिए ज़िम्मेदार है।
- चीफ सेक्रेटरी : चीफ सेक्रेटरी इंटर -डिपार्टमेंटल कोआर्डिनेशन सुनिश्चित करता है। वह कोआर्डिनेशन कमीटीज़ के अध्यक्ष हैं जो इंटर डिपार्टमेंटल डिस्प्यूटन को हल करने के लिए स्थापित किए जाते हैं और सेक्रेटरीज़ को इंटर डिपार्टमेंटल डिफीकल्टीज़ पर सलाह भी देते हैं।
- कैबिनेट सेक्रेटरी : कैबिनेट सेक्रेटरी केंद्र सरकार के चीफ कोऑर्डिनेटर के रूप में कार्य करता है। वह राजनितिक व्यवस्था और देश की नागरिक सेवाओं के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है। एक कैबिनेट सेक्रेटरी की जिम्मेदारी में विभिन्न मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट्स की गतिविधियों की निगरानी और कोऑर्डिनेशन करना शामिल है।
आईएएस अफसर कैसे बनें स्टेप बाए स्टेप गाइड
आईएएस अफसर बनने का स्टेप बाय स्टेप गाइड निम्नलिखित है-
- पहले आपको 12वीं कक्षा किसी भी स्ट्रीम से पास करनी होगी।
- किसी भी विषय से अपनी ग्रेजुएशन पूरी करें।
- UPSC में सिविल सेवा एग्ज़ाम के लिए अप्लाई करें।
- प्रिलिमिनरी एग्ज़ाम को क्लियर करें।
- प्रिलिमिनरी क्लियर होने के बाद , मेन्स एग्जाम भी क्लियर करें।
- प्रिलिमिनरी और मेंन्स एग्ज़ाम क्लियर करने के बाद इंटरव्यू क्लियर करें।
- आखिर में LBSNAA में IAS की ट्रेनिंग करें।
12वीं के बाद आईएएस की तैयारी कैसे करें?
सिविल सर्विस एग्ज़ाम के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपके पास कम से कम बैचलर डिग्री होनी चाहिए। इस एग्ज़ाम के लिए न्यूनतम परसेंटेज की कोई शर्त नहीं है। यानी अगर आप ग्रेजुएशन कर चुके हैं तो आप परीक्षा दे सकते हैं। वैसे इसके लिए ग्रेजुएशन कर रहे फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स भी आवेदन कर सकते हैं।