बांसवाड़ा के 38 हजार से ज्यादा विद्यार्थी होंगे प्रभावित, शिक्षक संघ ने बताया ‘कंगाली में आटा गीला’, कर्मचारी बोनस पर भी उठाए सवाल
बांसवाड़ा।स्मार्ट हलचल|राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर द्वारा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के शुल्क में की गई अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने जनजाति अंचल (बांसवाड़ा) के अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। महंगाई के इस दौर में गरीब परिवारों के लिए यह फैसला ‘कंगाली में आटा गीला’ करने जैसा साबित हो रहा है। इस फैसले का सीधा असर जिले के करीब 38 हजार से ज्यादा परीक्षार्थियों पर पड़ेगा।
2017 के बाद पहली बड़ी बढ़ोतरी
शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में हुए निर्णय के अनुसार, अब सत्र 2026-27 से नियमित और स्वयंपाठी (प्राइवेट) दोनों तरह के विद्यार्थियों को 600 रुपए की जगह 850 रुपए परीक्षा शुल्क देना होगा। इसके अलावा प्रायोगिक परीक्षा (Practical) का शुल्क भी दोगुना कर 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए प्रति विषय कर दिया गया है। बोर्ड का तर्क है कि कागज, मुद्रण और परीक्षा केंद्रों के खर्च में बढ़ोतरी के कारण यह कदम उठाना पड़ा है।
’गरीबों को लूटकर कर्मचारियों को बोनस’
राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने इस बढ़ोतरी का कड़ा विरोध किया है। संघ के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि बोर्ड गरीब जनजाति विद्यार्थियों को लूटकर अपने कर्मचारियों को सालाना 35-35 हजार रुपए का बोनस बांट रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड मनमर्जी से फैसले ले रहा है, जबकि मूल्यांकन और वीक्षण जैसे कार्यों का भुगतान समय पर नहीं किया जाता। संघ ने मांग की है कि बोर्ड कार्यकारिणी में जनजाति क्षेत्र से भी अध्यक्ष और सदस्य बनाए जाएं या बांसवाड़ा के लिए अलग बोर्ड गठित हो।
अभिभावक और छात्र बोले- पढ़ाई हुई मुश्किल
फीस बढ़ोतरी से स्थानीय लोगों में नाराजगी है। भंवर वोड के पूर्व सरपंच धीरजमल ने कहा कि जनजाति बीपीएल परिवारों पर यह अतिरिक्त आर्थिक बोझ है, जिससे बालिका शिक्षा प्रभावित हो सकती है। वहीं छात्र नारायण लाल चरपोटा का कहना है कि किताबें और कोचिंग पहले ही महंगी हैं, अब परीक्षा फीस बढ़ने से आम परिवार के बच्चों के लिए पढ़ाई जारी रखना मुश्किल हो जाएगा।
(बॉक्स ख़बर)
समय से पहले होंगी बोर्ड परीक्षाएं: 12 फरवरी से शुरू होंगे एग्जाम
बांसवाड़ा। शिक्षा विभाग ने नए सत्र को जल्दी शुरू करने के उद्देश्य से शिविरा पंचांग में बड़ा बदलाव किया है। शिक्षा निदेशक सीताराम जाट द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, अब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 12 फरवरी से शुरू होकर 12 मार्च तक चलेंगी।
ये रहेगा नया शेड्यूल:
बोर्ड परीक्षा (10वीं-12वीं): 12 फरवरी से 12 मार्च के बीच।
कक्षा 5वीं और 8वीं बोर्ड: अप्रैल की जगह 12 मार्च से पहले पूरी होंगी।
स्थानीय परीक्षाएं (9वीं और 11वीं): 10 से 25 मार्च के बीच।
कक्षा 3, 4, 6 और 7 की परीक्षाएं: अप्रैल की बजाय मार्च में होंगी।


