अजीम खान चिनायटा
करौली/स्मार्ट हलचल,मुस्लिम महासभा ने अपने संगठनात्मक ढाँचे को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भैंसावा निवासी आबिद खान को राष्ट्रीय महासचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी है। यह नियुक्ति महासभा के शीर्ष नेतृत्व — राष्ट्रीय संरक्षक जनाब सिकंदर पठान साहब के निर्देश, राष्ट्रीय प्रभारी जनाब अमजद पठान साहब की अनुशंसा पर राष्ट्रीय अध्यक्षा मोहतरमा रेशमा सोलंकी साहिबा की स्वीकृति के पश्चात औपचारिक रूप से घोषित की गई।
महासभा नेतृत्व का मानना है कि तेज़ी से बढ़ते सामाजिक व राष्ट्रीय मुद्दों के बीच एक सक्षम, सक्रिय और संकल्पित नेतृत्व की जरूरत थी, और आबिद खान इन सभी मानकों पर पूर्ण रूप से खरे उतरते हैं।
आबिद खान ने अपने तंजीमी सफर की शुरुआत इकाई स्तर से की थी। लगातार मेहनत, ईमानदारी, संगठन के प्रति समर्पण और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका ने उन्हें समुदाय में विशेष पहचान दिलाई। इसी कड़ी में आबिद खान ने कहा कि इकाई सचिव से राष्ट्रीय महासचिव तक का मेरा सफर बेहद सकारात्मक और सीखों से भरा रहा है। संगठन ने हमेशा मुझे मार्गदर्शन, भरोसा और जिम्मेदारी दी है। अब राष्ट्रीय स्तर की इस बड़ी जिम्मेदारी को मैं पूरे ईमान और लगन से निभाने का संकल्प लेता हूँ।
राष्ट्रीय अध्यक्षा रेशमा सोलंकी ने कहा कि आबिद खान की नियुक्ति मुस्लिम महासभा के लिए सिर्फ एक पद-परिवर्तन नहीं, बल्कि संगठन के उज्जवल भविष्य की निशानी है। उनके अंदर युवा ऊर्जा, अनुभव और नेतृत्व क्षमता का बेहतरीन संगम है। हमें उम्मीद है कि वे महासभा को नए आयाम देंगे।
राष्ट्रीय प्रभारी अमजद पठान साहब का कहना है कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी विश्वास जताते हुए कहा कि आगामी समय में संगठनात्मक विस्तार, जनसंपर्क, सामाजिक पहल और राष्ट्रीय कार्यक्रमों को नई रफ़्तार मिलेगी।
भैंसावा सहित पूरे क्षेत्र में उनकी नियुक्ति को लेकर ख़ुशी का माहौल है। स्थानीय लोगों, सामाजिक संगठनों, शुभचिंतकों और युवाओं द्वारा उन्हें लगातार बधाइयाँ दी जा रही हैं। कई लोगों ने इस नियुक्ति को युवा नेतृत्व का सशक्त उदाहरण बताया है। ग्रामीण स्तर से उठकर राष्ट्रीय मंच तक पहुँचना अपने आप में प्रेरणा का स्रोत है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आबिद खान का यह सफर युवाओं को सामाजिक कार्यों में आगे आने की प्रेरणा देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रीय महासचिव जैसे अहम पद पर एक ज़मीनी अनुभव वाले पदाधिकारी की नियुक्ति से महासभा को मजबूती मिलेगी। आने वाले समय में संगठन की राष्ट्रीय गतिविधियों में नई गति देखने की संभावना है।


