लगातार चल रही है बांध की चादर, सुरक्षा के दृष्टिकोण से बढ़ाई गई निगरानी व्यवस्था
दिलखुश मोटीस
सावर (अजमेर)_स्मार्ट हलचल/ क्षेत्र का प्रमुख जल स्त्रोत बिसुंदनी बांध इन दिनों भराव की उच्चतम स्थिति पर है। बीते शुक्रवार को बांध में पानी की आवक के चलते चादर चलने लगी है, जो लगातार जारी है। जलस्तर में वृद्धि के बाद सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बांध की दोनों प्रमुख नहरों के चैयरमेनों द्वारा गुरुवार को बांध का स्थल निरीक्षण किया गया।बांध की बायीं मुख्य नहर के चैयरमेन लक्ष्मण किडवा एवं दायीं मुख्य नहर के चैयरमेन गोपाल मेघवंशी ने नाव के माध्यम से बांध की चादर, मुख्य मोरियों, सुरक्षा दीवारों, चेंबर एवं नहरों का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पानी के बहाव, मोरी की स्थिति, किनारों की सुरक्षा, तथा किसी प्रकार के रिसाव या टूट-फूट की संभावना को ध्यानपूर्वक परखा।
सतर्कता के साथ चल रही है निगरानी
चैयरमेन गोपाल मेघवंशी ने बताया कि जैसे ही बांध में पानी की आवक शुरू होती है, उनकी टीम सक्रिय होकर निगरानी और देखरेख के कार्य में जुट जाती है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी निरीक्षण का कार्य समय पर शुरू कर दिया गया है, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से समय रहते निपटा जा सके। उन्होंने बताया कि मौके की रिपोर्ट समय-समय पर सिंचाई विभाग के संबंधित अधिकारियों को भेजी जाती है, जिससे विभाग आवश्यकतानुसार कार्यवाही कर सके।
जल संरक्षण और सिंचाई में निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका
बिसुंदनी बांध की नींव तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. मोहनलाल सुखाड़िया के कर-कमलों द्वारा रखी गई थी। यह बांध वर्षों से इस क्षेत्र के किसानों की सिंचाई की मुख्य जीवन रेखा बना हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जब बांध भरता है और चादर बहती है, तो क्षेत्र में एक नई ऊर्जा और उम्मीद की लहर दौड़ जाती है। यह बांध सावर, गोरधा, चिकल्या, सुरजपुरा, कुशायता, बनेड़िया, उम्मेदपुरा के किसानों के लिए एक स्थायी राहत बन चुका है।
स्थानीय ग्रामीण भी हुए संतुष्ट
निरीक्षण के दौरान कुछ स्थानीय किसान व ग्रामीण भी मौके पर उपस्थित थे, जिन्होंने बांध की स्थिति को लेकर संतोष जताया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की सक्रियता और समय पर निगरानी से पिछले कुछ वर्षों में बांध में किसी बड़ी दुर्घटना की नौबत नहीं आई है।
भविष्य में पर्यटन की संभावना
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि प्रशासन और पर्यटन विभाग ध्यान दे, तो बिसुंदनी बांध को एक स्थानीय पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। बरसात के मौसम में यहां का दृश्य अत्यंत आकर्षक होता है, और यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है।