सवाई माधोपुर 10 जून |स्मार्ट हलचल|सोमवार को रणथंभौर स्थित जैन मंदिर के कार्मिक राधेश्याम माली पर टाईगर द्वारा हमला कर मौत के घाट उतर देने को लेकर गणेशधाम पर चल रहा ग्रामीणों का धरना आखिरकार 33 घंटे बाद कृषि मंत्री डॉक्टर किरोडी लाल मीणा की दखल के बाद मंगलवार को सांय समाप्त हो गया।
इस दौरान धरना स्थल पर डॉक्टर किरोड़ी ने वन विभाग को लेकर कई बड़े खुलासे किए तथा अपना दर्द भी बयान किया।
रणथंभोर दुर्ग के जैन मंदिर में विगत 20 साल से मंदिर में ही रहकर सेवाकार्य करने वाले राधेश्याम सैनी की सोमवार सुबह 4:30 बजे टाइगर के हमले से दुखद मौत हो गई थी। मिली जानकारी के अनुसार राधे श्याम सैनी जैसे ही जैन मंदिर से सवेरे उठकर शौच के लिए बाहर निकला तभी घात लगाकर बैठे टाइगर ने उसे अपना निवाला बना डाला और झाड़ियां में घसीट कर ले गया। यह घटना आग की तरह फैली। देखते देखते सैकड़ो लोगों की भीड़ गणेश धाम पर एकत्रित हो गई साथ ही वन विभाग की गाड़ियां भी मौके की ओर दौड़ पड़ी। टाइगर के आक्रामक मूड का अंदाजा महज इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वन विभाग ने फायरिंग करके टाइगर को पीछे धकेला उसके बाद वन विभाग राधेश्याम सैनी का शव अपने कब्जे में ले सका,बाद में शव अस्पताल की मोर्चरी पहुंचाया ।वहीं दूसरी ओर गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने गणेश धाम पर जाम लगा दिया। जाम के दौरान एक बारगी पुलिस व ग्रामीणों के बीच जबरदस्त तनातनी भी हुई। जिससे सवाई माधोपुर कुंडेरा मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। ग्रामीणों की 8 सूत्रीय मांगे थी। जिन पर लगातार पुलिस एवं प्रशासन द्वारा वार्ता का दौर चला । लेकिन सहमति नहीं बनी। रात में भी ग्रामीण पड़ाव डालकर धरने पर ही जमे , धरने में महिलाएं भी मौजूद रही । ग्रामीणों की मांग थी कि मृतक के आश्रितों को 50 लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जाए। आश्रित परिवार में से एक को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए। दस बीघा भूमि गुजर बसर हेतु दी जाए। रणथंभोर के डीएफओ तथा सीसीएफ को निलंबित किया जाए। गणेश धाम पर श्रद्धालुओं के लिए छाया पानी का इंतजाम हो। आक्रामक बाघों को अन्य जगह शिफ्ट किया जाए। इन मांगों पर जब सहमति नहीं बनी इस बीच कुछ लोगों ने डॉ 0 किरोड़ी लाल को बुलाने के प्रयास किए उसके बाद आज दोपहर बाद आखिरकार मंत्री डॉक्टर किरोडी लाल मीणा धरना स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की। जहां ग्रामीणों के 8 सूत्रीय मांगों के अलावा रणथंभौर नेशनल पार्क से होने वाली अन्य समस्याओं के बारे में भी खुलकर चर्चा की गई। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक राजेश गुप्ता भी मौके पर मौजूद रहे। डॉ किरोडी लाल मीणा ने ग्रामीण व परिजनों से वार्ता के बाद मांगों पर समझाइश करते हुए 25 लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा अपने स्तर पर दिलवाए जाने का आश्वासन दिया। साथ ही परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी दिलवाए जाने का भी आश्वासन दिया। इसके अलावा अन्य तमाम मांगों पर ग्रामीणों की 20 सदस्य कमेटी का गठन किया और कहा कि कमेटी के लोग कल उनके निवास पर जयपुर आ जाए। वे कमेटी के साथ ही मुख्यमंत्री वन मंत्री तथा केंद्रीय वन मंत्री से अन्य तमाम मांगों पर वार्ता करेंगे और यथा उचित मांगे पुरी कराई जाने का संपूर्ण प्रयास करेंगे। इसके अलावा डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने कहा कि रणथंभोर बाघ परियोजना में लापरवाह वन अधिकारियों की शिकायत उन्होंने पूर्व में भी की है। डॉक्टर किरोड़ी ने यह तक कहा कि यहां के वन अधिकारी नशे में चूर रहते हैं । यह रणथंभौर का दुर्भाग्य है। वन अधिकारियों के रवैये पर डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने शर्मिंदगी जताई और कहा कि मैं खुद आत्म अवलोकन कर रहा हूं। ऐसे अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर यहां जमे बैठे हैं। उन्होंने कहा कि हालही में रणथंभौर में हुई तीन मानव शिकार की घटनाओं से वे व्यथित है ,यह स्थिति सुधर नही पा रही है ,इसके लिए उन्होंने अपने आप को दोषी बताया और कहा कि में खुद शर्मिंदा हु ,मंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नही देखा कि उनके साथ भी ऐसा हो सकता है और वे चाहकर भी कुछ नही कर पा रहे है ,रणथंभौर के अधिकारी मंत्री से भी बड़े हो गए ,डॉक्टर किरोडी ने कहा कि बहुत हो गया अब वे जनता के साथ अन्याय नही होने देंगे और जनता के लिए लड़ेंगे ओर रणथंभौर के लापरवाह अधिकारियों को हटवाएंगे
धरना समाप्ति की घोषणा के बाद डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देशित किया कि वे मेडिकल बोर्ड से तुरंत प्रभाव से शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सुपुर्द करें। लेकिन इस सारे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि वन विभाग के अधिकारी किस कदर बाघों के मूवमेंट को लेकर लापरवाह है। जिससे विगत दो माह में ही तीन लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। अगर रणथंभोर में हालात जल्द नहीं सुधारे गए तो ऐसी घटनाओं की पुनरावृति अभी और हो सकती है।