गर्भावस्था एक खूबसूरत एहसास है। लेकिन कभी-कभी यह एहसास इतना सुंदर नहीं होता। हालांकि कई गर्भवती माताएं अपने चेहरे पर गर्भावस्था की चमक और एक बड़ी मुस्कान के साथ घूमती हैं, मगर यदि आप उल्टियों से परेशान हैं तो आपके चेहरे की चमक और मुस्कान दोनों गायब हो जाती है। आप उल्टी करती रहती हैं और सोचती रहती हैं कि प्रेगनेंसी में उल्टी होना जरूरी है क्या।
गर्भावस्था में पेट में जलन, मतली और उल्टी आम अनुभव है, जो 70-80% गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है। हालाँकि गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी से पीड़ित अधिकांश महिलाओं में यह लक्षण पहली तिमाही तक ही सीमित होता है, लेकिन कुछ प्रतिशत महिलाओं में लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि प्रेगनेंसी में उल्टी क्यों होती है और प्रेगनेंसी में उल्टी रोकने के घरेलू उपाय। और भी ऐसे ही सवालों का जवाब हम इस लेख में देंगे।
प्रेगनेंसी में उल्टी होना जरूरी है क्या?
अगर आप सोच रही हैं कि प्रेगनेंसी में उल्टी होना जरूरी है क्या, तो इसका जवाब है नहीं। प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी होना कई महिलाओं के लिए सामान्य होता है, लेकिन यह जरूरी नहीं होता। कुछ महिलाएं पूरे गर्भावस्था के दौरान कभी भी उल्टी नहीं करती हैं, जबकि कुछ को इसे सुबह के वक्त, दिन के किसी भी समय उल्टी हो सकती है।
प्रेगनेंसी में गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है
गर्भावस्था में उल्टी होना जिसे हम मॉर्निंग सिकनेस भी कहते है, कई मामले में एक आम समस्या होती है। अगर आप सोच रही हैं कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है तो आमतौर पर ये परेशानी गर्भ के ठहरने के 1 से 1.5 महीने के बाद शुरू होती है, पर ऐसा ज़रूरी नही है। कई बार ये महिलाओं को गर्भधारण के एक से दो हफ्ते के बीच भी शुरू हो जाती है। गर्भावस्था के पहले तिमाही में होने वाली यह समस्या मुख्य रूप से हार्मोनल बदलाव के कारण होती है, खासकर ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) और प्रोजेस्टेरोन के बढ़ते स्तर की वजह से।
हर महिला के शरीर और उसकी प्रतिक्रियाओं पर निर्भर करता है कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है। महिलाओं में hCG का स्तर तेजी से बढ़ता है, इससे जल्दी और अधिक उल्टी होती है। यह अक्सर सुबह अधिक होता है, लेकिन दिन में किसी भी समय महसूस किया जा सकता है।
गौर करने वाली बात ये है कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है इसका प्रभाव भूर्ण के विकास पर नही पड़ता है। डॉक्टरों का मानना है कि उल्टी होना या ना होना इस बात का संकेत है कि कितनी तीव्रता से आपके शरीर में हार्मोनल बदलाव आ रहे है। अगर ये बदलाव तीव्र हैं तो संभव है कि आपको उल्टी बहुत ज्यादा होगी। लेकिन अगर आपको प्रेगनेंसी में ज़रूरत से ज़्यादा उल्टी हो या फिर वजन कम होने लगे तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें।
प्रेगनेंसी में उल्टी ना हो तो क्या करना चाहिए?
कई बार महिलाएं उल्टी को प्रेगनेंसी का प्रमुख लक्षण मानती हैं और वो ये सोच के परेशान होती हैं कि प्रेगनेंसी में उल्टी न हो तो क्या करना चाहिए, तो आइए आज हम इसका समाधान कर देते हैं। अगर आपको गर्भावस्था के दौरान उल्टी नही हो रही है तो इसमें कोई समस्या या परेशानी नहीं है। शरीर के अनुसार प्रेगनेंसी के लक्षण हर महिला में अलग होते हैं। कई महिलाओं को उल्टी होती है और कई को यह समस्या बिल्कुल भी नही या बस थोड़ी बहुत होती है।
तो अगर आपको गर्भावस्था में उल्टी नहीं होती तो आपको अपने या अपने बच्चे के लिए परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। आप और आपका बच्चा बिलकुल स्वस्थ हैं और आपको ये सोचने की अवश्यकता नहीं की प्रेगनेंसी में उल्टी न हो तो क्या करना चाहिए।
वैसे देखा जाए तो प्रेगनेंसी में उल्टी ना होने का कारण होता है महिलाओं के शरीर का hCG और प्रोजेस्टेरोन के प्रति कम संवेदनशील होना। इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि जिन महिलाओं की जीवनशैली स्वस्थ होती है और जो गर्भावस्था से पहले भी नियमित व्यायाम करती थीं, उन्हें उल्टी या मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव कम होता है। यही कारण है कि उल्टी ना होने पर आपको बहुत अधिक चिंता करने की अवश्यकता नहीं है।
यह भी हो सकता है कि गर्भावस्था में उल्टी न होने का कारण यह है कि महिला का शरीर हार्मोनल बदलावों को बेहतर तरीके से संभाल रहा है। लेकिन हर महिला की यह स्थिति समान नहीं होनी चाहिए। यदि आप गर्भावस्था के अन्य लक्षण देखते हैं, जैसे स्तनों में संवेदनशीलता, थकान या गर्भाशय में हल्का खिंचाव महसूस होता है, तो आपकी गर्भावस्था सामान्य है