राजेश कोठारी
करेड़ा। इतिहास चिखकर कहता है ऐसे पन्ने तो नहीं गडे, जैसे पन्ना लड़ गई आज ऐसे योद्धा भी नहीं लड़े ।ये पंक्तियां कवि राम भदावर इटावा ने भोजा पायरा में मंदिर मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान कवि सम्मेलन में कही। कवि मनोज गुर्जर ने अपनी कविता को बेटियों को समर्पित करते हुए कहा कि गुलशन में खिले फूल सी होती है बेटियां, जीवन में बीज प्यार के बोती है बेटियां,मत मरो इनको कोख मे बेटों की चाह में, होता है दर्द बाप को रोती है बेटियां । कवि अजात शत्रु ने अपनी रचना पेश करते हुए कहां कि भारी है आंचल वसुधा का जिसके हम आभारी हैं गगन धरा का खिली हुई फुलवारी है, फुलवारी में मां ने ही तो दृश्य दिखाए दुनिया के, दुनिया के हर एक रिश्ते पर मां की ममता भारी है। नाथद्वारा से आये कवि ने आतंकवाद पर दो लाइन में कहा कि केसर की क्यारी में फिर से सींची रक्त की धारा है , काश्मीर की घाटी में फिर धर्म पूछ कर मारा है। कवि भावना लौहार ने अपने ओजस्वी जोश के साथ में पाठ करते हुए कहा कि शोर्य पराक्रम की परिपाटी वाला राजस्थान है, मां पन्ना और हल्दीघाटी वाला राजस्थान है। कवि सम्मेलन में मंदिर कमेटी द्वारा सभी कवियों का स्वागत किया गया वहीं देर रात चले कवि सम्मेलन में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे ।