जगन्नाथ प्रभु रथयात्रा : अपने धाम प्रधारेंगे प्रभु जगन्नाथ
हरे कृष्ण मन्दिर की वार्षिक भव्य रथयात्रा का आयोजन आज
हर्षोउल्लास के साथ निकाली जाएगी रथयात्रा
कोटा। स्मार्ट हलचल/मुकुंदराविहार स्तिथ हरे कृष्ण मंदिर में द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी जिसमें प्रभु पुन: अपने धाम पधारेंगे। मंदिर प्रांगण व आयोजकों में रथयात्रा की तैयारियों को लेकर उत्साह चरम पर है। सोमवार 15 जुलाई को सांय 05 बजे गीता भवन से रथयात्रा प्रारंभ होगी।
इसलिए आयोजित होती है रथयात्रा
मंदिर के उपाध्यक्ष राधाप्रिय दास जी ने रथयात्रा के धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जो व्यक्ति भगवान जगन्नाथ को उनके रथ पर देख लेता है उसका फिर भौतिक जगत में दोबारा जन्म नहीं होता और जो भक्त भगवान के रथ को अपने हाथों से खीचते हैं उनके सारे पापों का नाश हो जाता है। इस दिन भगवान जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर से वापस नीलाचल स्तिथ अपने निवास स्थान पर लौट कर आते है ,इसलिए इसे बहुड़ा यात्रा भी कहा जाता है।
यह रहेगा मार्ग
हरे कृष्ण मन्दिर हर साल भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा का आयोजन करता है, जिसमें कोटा के कोने कोने से हज़ारों भक्त श्रृद्धा के साथ सम्मिलित होते है और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का आशीर्वाद प्राप्त करते है। हरे कृष्ण मूवमेंट की वार्षिक भव्य रथयात्रा का शुभारंभ गीता भवन प्रारंभ होगी यहां सांय 05 बजे प्रभु जगन्नाथ शहरवासियों को आशीर्वाद देते हुए अपने धान की ओर अग्रसर होंगे। गीता भवन से रथयात्रा,न्यू क्लॉथ मार्केट,सरोवर मार्ग,सेवन वंडर पार्क,कोटरी रोड़,गुमानपुरा फ्लाईओवर के नीचे से होते हुए, घोड़े वाले बाबा चौराहा से रात्रि 8.15 बजे दशहरा मैदान पर यात्रा समाप्त होगी।
हाईड्रोलिक रथ पर होंगे सवार
मंदिर के उपाध्यक्ष राधाप्रिय दास जी ने बताया कि प्रभु अपने भाई बलदेव व बहन सुभद्रा के संग 21 फीट उंचे रथ में बैठेंगे। हाईड्रोलिक रथ पर होने के कारण इसके उंचाई को कम व ज्यादा भी किया जा सकता है,साथ ही साथ रथ को सुन्दर फूलों और रंग बिरंगी रोशनी से सजाया जाएगा। प्रभु जगन्नाथ के जयकारों के साथ हजारों भक्त रथ को खीचते हुए आगे बढेंगे।भक्तगण रथ को हाथों से खींचते हुए करताल और मृदंग के साथ भगवान का गुणगान करते हुए नृत्य करेंगे। कोटा नगरी महासंकीर्तन की ध्वनि से गूंज उठेगी। यात्रा के दौरान भगवान श्री जगन्नाथ को नाना प्रकार के व्यंजन का भोग लगाया जाएगा और साथ ही साथ उसे श्रद्वालुओं में वितरित किया जाएगा। यात्रा का समापन दशहरा मैदान में होगा , जहा रंगमंच पर भगवान श्री जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा की महाआरती होगी , भव्य आतिशबाज़ी की जाएगी और अंत में सभी भक्तो को प्रभु श्री जगन्नाथ का प्रसादम वितरित किया जाएगा।