मोहम्मद आज़ाद नेब
जहाजपुर, स्मार्ट हलचल. ग्राम पंचायत बिलेठा के ग्रामीणों ने खनिज विभाग भीलवाड़ा द्वारा जारी माइनिंग लीज 39/2004 को लेकर गंभीर आपत्तियां जताई हैं। ग्रामीणों ने मिडिया से रूबरू हुए ओर आरोप लगाया कि मैसर्स अर्विन एग्रीगेटर के नाम से जारी यह लीज तथ्यों को छुपाकर और अधिकारियों से मिलीभगत कर हासिल की गई है।
यह लीज पटवार हल्का बिलेठा की आराजियों पर दी गई है, जबकि लीज क्षेत्र के आसपास घनी आबादी, स्कूल, खेलकूद का मैदान, वन विभाग की भूमि तथा कृषि भूमि की सिंचाई व पेयजल का प्रमुख स्रोत तालाब स्थित है। इसके बावजूद नियमों की अनदेखी कर लीज स्वीकृत की गई।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि फर्म द्वारा लीज क्षेत्र के अतिरिक्त आसपास की कृषि भूमि पर भी अवैध रूप से खनन करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए किसानों पर दबाव बनाकर उनकी भूमि जबरन कब्जाने या औने-पौने दामों पर खरीदने का प्रयास किया जा रहा है। विरोध करने पर ग्रामीणों को डराने-धमकाने के आरोप भी लगाए गए हैं। ओर सबसे गंभीर बात यह है कि मार्बल खनन के लिए ली गई लीज पर अवैध रूप से गिट्टी क्रेशर स्थापित किया जा रहा है। इससे क्षेत्र में उड़ने वाली धूल से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ेगा और आसपास की उपजाऊ कृषि भूमि बंजर होने की आशंका है। इससे ग्रामवासियों को आर्थिक और स्वास्थ्य दोनों स्तर पर भारी नुकसान होगा।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि लीज क्षेत्र के पास ही उनकी धार्मिक आस्था का केंद्र स्थित है, जहां कई परिवार निवास करते हैं। खनन और क्रेशर संचालन से इस धार्मिक स्थल को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो ग्रामीणों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। नियमों के अनुसार आवश्यक होने के बावजूद ग्राम पंचायत बिलेठा से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त नहीं की गई, फिर भी खनिज विभाग भीलवाड़ा ने माइनिंग लीज जारी कर दी। इस माइनिंग लीज को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। अन्यथा उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।
जहाजपुर, ग्राम पंचायत बिलेठा के ग्रामीणों ने खनिज विभाग भीलवाड़ा द्वारा जारी माइनिंग लीज 39/2004 को लेकर गंभीर आपत्तियां जताई हैं।
ग्रामीणों ने मिडिया से रूबरू हुए ओर आरोप लगाया कि मैसर्स अर्विन एग्रीगेटर के नाम से जारी यह लीज तथ्यों को छुपाकर और अधिकारियों से मिलीभगत कर हासिल की गई है।
यह लीज पटवार हल्का बिलेठा की आराजियों पर दी गई है, जबकि लीज क्षेत्र के आसपास घनी आबादी, स्कूल, खेलकूद का मैदान, वन विभाग की भूमि तथा कृषि भूमि की सिंचाई व पेयजल का प्रमुख स्रोत तालाब स्थित है। इसके बावजूद नियमों की अनदेखी कर लीज स्वीकृत की गई।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि फर्म द्वारा लीज क्षेत्र के अतिरिक्त आसपास की कृषि भूमि पर भी अवैध रूप से खनन करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए किसानों पर दबाव बनाकर उनकी भूमि जबरन कब्जाने या औने-पौने दामों पर खरीदने का प्रयास किया जा रहा है। विरोध करने पर ग्रामीणों को डराने-धमकाने के आरोप भी लगाए गए हैं। ओर सबसे गंभीर बात यह है कि मार्बल खनन के लिए ली गई लीज पर अवैध रूप से गिट्टी क्रेशर स्थापित किया जा रहा है। इससे क्षेत्र में उड़ने वाली धूल से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ेगा और आसपास की उपजाऊ कृषि भूमि बंजर होने की आशंका है। इससे ग्रामवासियों को आर्थिक और स्वास्थ्य दोनों स्तर पर भारी नुकसान होगा।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि लीज क्षेत्र के पास ही उनकी धार्मिक आस्था का केंद्र स्थित है, जहां कई परिवार निवास करते हैं। खनन और क्रेशर संचालन से इस धार्मिक स्थल को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो ग्रामीणों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। नियमों के अनुसार आवश्यक होने के बावजूद ग्राम पंचायत बिलेठा से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त नहीं की गई, फिर भी खनिज विभाग भीलवाड़ा ने माइनिंग लीज जारी कर दी। इस माइनिंग लीज को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। अन्यथा उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।


