मुकेश खटीक
मंगरोप।चित्तौड़गढ़ नेशनल हाईवे स्थित गुवारड़ी नाले के पास संचालित एक कथित टायर ऑयल फैक्ट्री से निकल रहे प्रदूषित धुएं के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश बुधवार को चरम पर पहुंच गया।जहरीले धुएं से परेशान दो युवक फैक्ट्री की चिमनी पर चढ़ गए,जिसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में ग्रामीण,महिलाएं, बुजुर्ग और युवा “गांव को प्रदूषण मुक्त करो –जहरीली फैक्ट्री बंद करो” लिखी तख्तियां लेकर फैक्ट्री के बाहर एकत्रित हो गए और देर शाम तक जोरदार प्रदर्शन जारी रहा।सूचना मिलते ही मंगरोप थानाधिकारी विजय मीणा पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे और चिमनी पर चढ़े दोनों युवकों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांगों पर अडिग रहे।इसके बाद तहसीलदार भंवरलाल सेन भी मौके पर पहुंचे और फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया,परंतु ग्रामीणों ने साफ कहा कि “आश्वासन नहीं, फैक्ट्री बंद चाहिए।”ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री मालिक बाहर क्वालिटी सूटिंग का बोर्ड लगाकर भीतर टायरों से ऑयल बनाने का “घिनौना और खतरनाक” काम कर रहा है।ग्रामीण मिठ्ठूलाल ने बताया कि इस फैक्ट्री के खिलाफ दो बार पहले भी धरने दिए जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।स्थानीय महिला मांगी देवी ने बेहद दर्दनाक खुलासा करते हुए बताया कि“दो साल पहले इसी फैक्ट्री के जहरीले धुएं के कारण मेरी बहू को कैंसर हो गया था,और उसकी मौत हो गई।”महिलाओं ने बताया कि धुएं से सांस,त्वचा,आंखों और एलर्जी जैसी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं।मवेशियों के बीमार होने के भी कई मामले सामने आए हैं।ग्रामीणों ने तहसीलदार के सामने इच्छा मृत्यु तक की बात कही कि—“जब सांस ही नहीं ले पा रहे,बच्चे बीमार हो रहे,तो हम जिंदा रहकर क्या करेंगे?”ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने प्रदूषण मंडल से कई बार शिकायत की, लेकिन अधिकारी फैक्ट्री प्रबंधन से मिलीभगत कर कोई कार्रवाई नहीं करते।ग्रामीणों ने कहा—“शिकायत करो तो जांच का झांसा मिलता है,लेकिन फैक्ट्री अपनी जगह चालू रहती है और हम जहरीला धुआं झेलते रहते हैं।”फैक्ट्री से लगभग 200 मीटर दूरी पर सरकारी स्कूल संचालित है। पहले यहां 250 बच्चे पढ़ते थे, लेकिन जहरीले धुएं से परेशान होकर लगभग 150 बच्चों को अभिभावकों ने निजी स्कूलों में भेज दिया।कई शिक्षकों ने भी इस समस्या से तंग आकर अपने तबादले करवा लिए, शेष शिक्षक भी जल्द तबादला करने की तैयारी में हैं।शाम होते-होते आक्रोशित ग्रामीणों ने फैक्ट्री मालिक का प्रतीकात्मक पुतला बनाकर चप्पलों की माला पहनाई,पुरुषों और महिलाओं ने उसकी चप्पलों से पिटाई की और बाद में पुतले को आग के हवाले कर दिया।ग्रामीणों ने प्रदूषण मंडल मुर्दाबाद और फैक्ट्री प्रबंधन मुर्दाबाद के जोरदार नारे लगाए।ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा—या तो जहरीली फैक्ट्री को तुरंत बंद करो,या फिर गुवारड़ी गांव को कहीं और बसाया जाए।हम अब इस जहरीले धुएं में नहीं जी सकते।”


