मुकेश खटीक
मंगरोप।कस्बे का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) इन दिनों अपनी जर्जर हालत और लगातार हो रहे हादसों को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है।करीब 52 वर्ष पुराने इस भवन की स्थिति अब इतनी खराब हो चुकी है कि कभी भी बड़ा हादसा घट सकता है।
जानकारी के अनुसार,भवन में लगे दरवाजे और खिड़कियां दीमक की भेंट चढ़ चुके हैं।कुछ दिनों पूर्व चिकित्सक कक्ष में खिड़की का पल्ला टूटकर एक महिला पर गिर गया था। गनीमत रही कि महिला हादसे में बाल-बाल बच गई,लेकिन इस घटना ने अस्पताल आने वाले मरीजों व स्टाफ की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।स्वास्थ्य केन्द्र के चारों ओर बड़े-बड़े पेड़ खड़े हैं,जिनकी भारी-भरकम शाखाएं पुराने भवन की झूल रही हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि तेज आंधी-बारिश के समय ये शाखाएं गिरने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है,जिससे कभी भी जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता है।
ग्रामीणों ने बताया कि वे पिछले 17 वर्षों से इस पीएचसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। समय-समय पर क्षेत्रीय विधायक एवं मंत्रियों द्वारा आश्वासन तो दिए गए, लेकिन आज तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
ग्रामवासियों का कहना है कि कस्बे और आसपास के गांवों की बड़ी आबादी इस स्वास्थ्य केन्द्र पर निर्भर है।यहां संसाधनों की भारी कमी के साथ-साथ भवन की जर्जर हालत मरीजों और स्टाफ दोनों की जान जोखिम में डाल रही है। ग्रामीणों ने सरकार से शीघ्र नया भवन बनाने एवं पीएचसी को सीएचसी में उन्नत करने की मांग की है।