अनिल कुमार
परिवार बेहाल एजेंट के जरिए रोजगार के लिए गया था रूस, एक माह से नहीं हुआ संपर्क
ब्यावर/जवाजा।स्मार्ट हलचल|जवाजा पंचायत समिति के ग्राम बियांखेड़ा काबरा निवासी युवक गोकुल सिंह पुत्र मोती सिंह पिछले एक माह से विदेश में लापता बताया जा रहा है। परिजन लगातार उसकी तलाश की गुहार लगा रहे हैं और उसकी सकुशल वापसी की उम्मीद में बेहद चिंतित हैं।परिवार के अनुसार लगभग एक माह पूर्व गोकुल सिंह से अंतिम बार फोन पर बातचीत हुई थी। इसके बाद से उसका मोबाइल फोन लगातार स्विच ऑफ आ रहा है। अचानक संपर्क टूट जाने से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
कर्ज चुकाने के लिए गया था विदेश
गोकुल सिंह की पत्नी श्रीमती शांतादेवी ने बताया कि उनके पति पर कर्जा हो गया था, जिसे चुकाने के लिए उन्होंने विदेश जाने का निर्णय लिया था। एक वर्ष पूर्व भी वे सऊदी अरब गए थे, लेकिन विजिटर वीजा होने के कारण एक माह में ही लौटना पड़ा। इस दौरान काफी पैसा खर्च हो गया था। इसके बाद से वह बार-बार विदेश जाकर कमाने की इच्छा जताते रहे।
पत्नी के अनुसार, गांव के ही मित्र जसवंत सिंह से वे अपनी आर्थिक परेशानी साझा करते थे और विदेश जाकर कर्ज चुकाने की बात कहते थे। इसी सोच के चलते वे 13 सितंबर 2025 को दिल्ली रवाना हुए और हरियाणा के एक एजेंट के माध्यम से उन्हें रूस भेजा गया।
रूस पहुंचते ही फंस गए सेना में
परिवारजन बताते हैं कि एजेंट ने उन्हें सिक्योरिटी में लगाने की बात कही थी, लेकिन बाद में उन्हें रूसी आर्मी में भर्ती कर दिया गया। गोकुल सिंह रूस में टाइल्स फैक्ट्री में काम करना चाहते थे, लेकिन यूक्रेन सीमा क्षेत्र में पहुंचते ही उन्हें सेना की वर्दी पहना दी गई और आतंकवाद के खिलाफ मोर्चे पर तैनात कर दिया गया।
गोकुल सिंह ने वर्दी पहने और हथियार लिए हुए अपनी तस्वीर परिवार को भेजी थी, जिससे परिजन घबरा उठे।
8 और 11 नवंबर को हुए अंतिम संपर्क
8 नवंबर 2025 को उन्होंने पत्नी और बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बातचीत की थी। बच्चों को देखकर वे भावुक हो गए और पत्नी से केवल इतना कहा—
“बच्चों का ध्यान रखना।”
इसके बाद 11 नवंबर को अपने दिव्यांग भाई बालू सिंह (जो दोनों हाथों से विकलांग हैं) से बात की और रोते हुए कहा—
“मां का और बच्चों का ध्यान रखना… मैं बहुत परेशानी में हूँ… अभी यूक्रेन में हूँ।”
इसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला।
माली हालत बदहाल, परिजन असहाय
गोकुल सिंह के तीन छोटे बच्चे हैं—दो बेटे और एक बेटी। उनकी मां हंजीदेवी बड़े दिव्यांग बेटे बालू सिंह के साथ रहती हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। छोटा भाई मजदूरी कर किसी तरह अपना घर चलाता है। परिवार का मुख्य सहारा गोकुल ही था।
परिवार कम पढ़ा-लिखा होने के कारण किसी प्रशासनिक अधिकारी या सरकारी एजेंसी से भी संपर्क नहीं कर पा रहा है। अब वे स्थानीय प्रशासन, सरकार और संबंधित एजेंसियों से गोकुल सिंह की तलाश और सुरक्षित वापसी की गुहार लगा रहे हैं।
ग्राम बियांखेड़ा में गोकुल के लापता होने की खबर से ग्रामीणों में भी चिंता का माहौल है और सभी उनकी सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं।


