सिर्फ जब्ती दिखावा… मांडल थाने से जेसीबी चोरी, कार्रवाई पर उठे गंभीर सवालिया निशान..?
भीलवाड़ा|स्मार्ट हलचल|जिले के मांडल थाना क्षेत्र से एक बार फिर बजरी माफिया और पुलिस की कथित मिलीभगत का बड़ा मामला सामने आया है। अवैध बजरी खनन के खिलाफ कार्रवाई के दौरान जब्त की गई जेसीबी मशीन थाने से ही चोरी हो गई। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कौन बचा रहा बजरी माफिया को?
जानकारी के मुताबिक सितंबर माह में मांडल पुलिस ने अवैध बजरी खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो जेसीबी मशीनें और तीन ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त की थीं। इन्हीं में से एक जेसीबी को थाने के बाहर से चोरी कर लिया गया। पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहले अदला-बदली, अब चोरी:-
गौरतलब है कि कुछ समय पहले भी इसी जेसीबी मशीन की अदला-बदली का मामला सामने आया था। जांच में मिलीभगत साबित होने पर तत्कालीन थाना प्रभारी विक्रम सेवावत, एएसआई नंदलाल गुर्जर और हेड कांस्टेबल राजेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया गया था। अब थाने से जेसीबी चोरी होने की घटना ने इस पूरे मामले को और संदिग्ध बना दिया है।
सुरक्षा में चूक या सांठगांठ?
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब्त वाहन थाने में सुरक्षित नहीं हैं तो आमजन की सुरक्षा की क्या गारंटी होगी? कहीं यह सीधी-सीधी सुरक्षा में चूक है या फिर बजरी माफिया को बचाने के लिए सांठगांठ की कहानी? सवाल उठ रहे हैं कि आखिर थाने से इतनी बड़ी मशीन चोरी कैसे हो सकती है।
कार्रवाई बनी मजाक!
पुलिस ने बजरी खनन और परिवहन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन मानते हुए बीएनएस की धारा 303(2) तथा खनन एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम की धारा 4/21 के तहत मामला दर्ज किया था। लेकिन अब जबकि जब्त जेसीबी ही गायब हो गई है, पूरी कार्रवाई मजाक बनकर रह गई है।
अनुसंधान जारी:-
थानाधिकारी ने पुष्टि की है कि जेसीबी चोरी का मामला दर्ज कर लिया गया है। वृताधिकारी सदर आईपीएस उपाध्याय इस प्रकरण की जांच कर रहे हैं। हालांकि अब तक न तो चोरों का सुराग मिला है और न ही जेसीबी बरामद हो पाई है..?


