जयपुर 21 दिसम्बर। जुर्म की दुनिया में कभी खौफ का पर्याय रहा गैंगस्टर दीपक मालसरिया फटे हुए कपड़ों में हाथ में कटोरा लिए मिला। झुंझुनू के चर्चित डेनिश बावरिया हत्याकांड का मुख्य आरोपी, जिस पर पुलिस ने 50,000 रुपये का इनाम घोषित कर रखा था, जयपुर के खोले के हनुमान जी मंदिर के सामने भिखारी के भेष में गिरफ्तार किया गया।
आधे मुंडे सिर और फटे कपड़ों में छिपा था
एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि पुलिस की पकड़ से बचने के लिए शातिर बदमाश दीपक मालसरिया ने फिल्मी अंदाज में अपना हुलिया बदल लिया था। उसने अपने सिर के आधे बाल मुंडवा लिए थे और फटे-पुराने कपड़े पहनकर भिखारियों की टोली में शामिल हो गया था। फरारी के दौरान वह जयपुर, दिल्ली और ऋषिकेश के मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं से मिलने वाली रोटियों और चंद सिक्कों पर गुजारा कर रहा था।
नए कानून का खौफ,अपनों ने भी फेरा मुंह
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने फरारी के दौरान अपने कई करीबियों और दोस्तों से मदद मांगी थी। लेकिन कड़े नए आपराधिक कानूनों के डर से किसी ने भी उसे शरण या आर्थिक मदद नहीं दी। पैसे खत्म होने पर वह इस कदर मजबूर हो गया कि उसे पेट भरने के लिए कटोरा उठाना पड़ा। वह मंदिर के रास्ते पर आने-जाने वाले लोगों से चिल्लर मांगकर अपना दिन काट रहा था।
दो दिन की रेकी और कांस्टेबल प्रवीण की पैनी नजर
झुंझुनू पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि एक इनामी बदमाश जयपुर के मंदिर के बाहर भिखारी बनकर रह रहा है। कांस्टेबल प्रवीण कुमार की विशेष सूचना पर टीम ने दो दिनों तक मंदिर परिसर में साधारण कपड़ों में रेकी की। दर्जनों भिखारियों के बीच गहराई से जांच करने के बाद जब टीम को पक्का यकीन हो गया कि मैला-कुचैला दिखने वाला यह शख्स ही दीपक मालसरिया है, तो घेराबंदी कर उसे दस्तयाब कर लिया गया।
क्या था डेनिश बावरिया हत्याकांड
यह घटना 19 अक्टूबर 2025 की रात की है। तीन गाड़ियों में आये दीपक मालसरिया और उसके साथियों ने कैम्पर गाड़ियों से टक्कर मारकर डेनिश उर्फ नरेश की स्कॉर्पियो को रोका था। इसके बाद हथियारों की नोक पर उसका अपहरण कर रसोड़ा जोहड़ ले गए, जहाँ लोहे की पाइपों और सरियों से उस पर बर्बरतापूर्वक हमला कर वहीं पटक गए। अस्पताल में दिए गए बयान में यह भी आरोप था कि आरोपियों ने न केवल हमला किया, बल्कि सोने की चेन और 3 लाख रुपये भी लूट लिए थे।
अपराध का लंबा कच्चा चिट्ठा
गिरफ्तार दीपक मालसरिया के खिलाफ झुंझुनू के विभिन्न थानों में 8 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। झुंझुनू एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय के निर्देशन में कोतवाली थानाधिकारी श्रवण कुमार नील और उनकी टीम की इस सफलता ने अपराधियों को कड़ा संदेश दिया है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं।


