पुनित चपलोत
भीलवाडा । भीलवाड़ा के सबसे बड़े महात्मा गांधी अस्पताल में उस समय माहौल गरमा गया। जब ऑपरेशन करवाने आई एक विवाहिता की ईलाज के दौरान मोत हो गई । इसके बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीज एकदम स्वस्थ होने के बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और कई घंटे तक डॉक्टरों ने हमें मरीज से मिलने नहीं दिया और गुमराह किया। प्रदर्शन के दौरान परिजनो ने लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की और उन्होंने शव उठाने से भी इंकार कर दिया । सूचना मिलने के बाद भीमगंज थाना प्रभारी आशुतोष पांडे मोके पर पहुँचे और मामले की जानकारी ली । पुलिस द्वारा परिजनों से समझाइश के प्रयास किए ।
मृतका के परिजन ने कहा कि शाहपुरा के निकट स्थित बड़सरा गाँव की रहने वाली मेरे भाई की पत्नी मैना सुथार के कान के पास एक छोटी सी गांठ हो रही थी जिसके लिए महात्मा गांधी अस्पताल में कार्यरत डॉ जयप्रकाश का इलाज चल रहा था। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन की बात कही तो वह ऑपरेशन करवाने के लिए अपने गांव से खुद भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में आई और गुरुवार सुबह मेरे भाई की पत्नी मैना सुथार का ऑपरेशन किया गया । ऑपरेशन से पहले और ऑपरेशन के बाद वह एकदम ठीक थी और सबसे बातचीत कर रही थी लेकिन कुछ समय के बाद चिकित्सकों ने हमें उससे मिलने के लिए मना कर दिया और कह दिया कि उसका इलाज चल रहा है जिसके बाद सुबह से शाम हो गई किसी भी परिवार के व्यक्ति को उससे मिलने नहीं दिया । डॉक्टर इलाज के नाम पर परिवार के लोगों को गुमराह करते रहे। अंत में उन्होंने कहा कि मैना की मौत हो गई है। हमें लगता है कि चिकित्सकों ने इलाज में लापरवाही बरती है इसलिए हम चाहते हैं कि लापरवाह चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।