भीलवाड़ा/जिलेभर में होली पर्व के बाद आज शीतला सप्तमी हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस दौरान शहर के विभिन्न चौराहों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त नजर आए। महिलाओं द्वारा अलसुबह से ही शीतला माता का पंरपरागत परिधान में ठंडे व्यंजनो से पुजन कर घर की खुशहाली व सुख समृद्धि की कामना की। जबकि दोपहर बाद शवयात्रा आकर्षण का केंद्र रही। ऐसा माना जाता है की वस्त्रनगरी के लिए आज होली मानी जाती है। पूरे देश में धुलंडी की धमाल के बाद भी भीलवाड़ा में वर्षों से शीतला सप्तमी की अहमियत कम नहीं हुई। और ना ही गुलमंडी में तेरस पर खेली जाने वाली जीनगर समाज की कोड़ामार होली। शीतला सप्तमी पर आज महिलाओं ने बासोड़ा से मंदिरों में माता शीतला का पूजन किया, उसके बाद शहरवासियो ने जमकर रंग खेला। इससे पूर्व महिलाओं ने कल शाम को घरों में विभिन्न व्यंजन, पापड़-पापड़ी के साथ ही खाट व चावल बनाए। वहीं दुसरी और मेवाड़ में धुलंडी के बजाय अलग-अलग दिनों में होली खेलने के पीछे एक मान्यता यह भी हैं कि अतीत में कभी धुलंडी के दिन मेवाड़ राजघराने में गमी हो गई। इस कारण मेवाड़वासी ओख मानते हुए कई जगह धुलंडी की बजाय अगले तेरह दिनों में से किसी एक शुभ दिन पर होली खेलने लगे। बड़ा मंदिर क्षेत्र निवासी व नगर व्यास राजेंद्रकुमार बताते हैं कि अतीत मे यहां धुलंडी से तेरस तक लगातार तेरह दिन तक होली खेलने की परंपरा रही है। यही वजह है कि भीलवाड़ा की होली शीतला सप्तमी बन गई। जहाजपुर, गंगापुर में पंचमी और मांडल में तेरस मुख्य होली बन गई।
जिंदा आदमी की शवयात्रा बनी आकर्षण
शीतला सप्तमी के मौके पर आज चित्तौड़ वालों की हवेली के पास से बड़ी धुधाम और उत्साह के साथ दोपहर में नकली शवयात्रा निकाली गई, जो बड़े मंदिर जाकर समाप्त हुई। इस दौरान नकली शवयात्रा के तहत एक जीवित व्यक्ति को रीति-रिवाज के बाद सनेती पर लेटाकर उसे कंधे पर उठाकर एक युवा आगे हांडी में अग्नि लेकर बैंडबाजे के साथ जुलूस के रूप में रवाना होते हैं और बड़ी हंसी-ठिठोली, हास-परिहास के बीच शव यात्रा में रंग-गुलाल उड़ाते, बताशे व मूंगफली के दाने उछालते हुए आगे आगे चलते हैं।
नमाज को लेकर भी खास इंतजाम
मुस्लिम समुदाय के माहे रमजान को लेकर भी आज मस्जिदों में नमाज के दौरान सांगानेरी गेट, गुलमंडी, बाहला क्षेत्र, रेलवे स्टेशन चौराहे, गांधीनगर में अतिरिक्त विशेष पुलिस सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए। जिसमें आरएसी के जवानों सहित संबंधित थाने व पुलिस लाईन का जाब्ता शामिल था।ताकी नमाजियों को नमाज़ बाद बाजार से गुजरने में किसी तरह का व्यवधान पैदा नहीं हो।
रगों के पर्व के बीच एग्जाम देने पहुंचे, परिक्षार्थी
रंगों के पर्व और शीतला सप्तमी के उत्साह के बीच छात्र छात्राओं व शिक्षक शिक्षिकाओं को एग्जाम के चलते स्कूल पहुंचना पड़ा। गत् 06 मार्च से अप्रेल के प्रथम सप्ताह तक आठवीं, दसवीं, बारहवीं के एग्जाम चलेंगे। जिसको लेकर रंगों का पर्व बच्चों के लिए फिका पड़ गया। लेकिन एग्जाम के बाद परिक्षार्थियों ने जमकर रंगों का आंनद उठाया।