रोहित सोनी
आसींद_सुराज गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आज स्वामी विवेकानंद जयंती को केरियर दिवस के रूप में मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर दीपक जलाकर की गई। संस्था प्रधान रामकिशन वर्मा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। भारत में उनके जन्मदिन को युवा दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। उन्होंने रामकृष्ण मठ,रामकृष्ण मिशन और वेदांत सोसाइटी की नींव रखी थी। स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। स्वामी विवेकानंद का जन्म कोलकाता में हुआ था। स्वामी विवेकानंद श्रीरामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे। विवेकानंद बहुत कम उम्र में ही संन्यासी बन गए थे। पश्चिमी देशों को योग-वेदांत की शिक्षा से अवगत कराने का श्रेय स्वामी जी को ही जाता है। स्वामी विवेकानंद ने 19वीं शताब्दी के अंत में विश्व मंच पर हिंदू धर्म को एक मजबूत पहचान दिलाई थी। स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था,जिन्हें नरेन के नाम से भी जाना जाता है। बहुत कम उम्र में ही उनका झुकाव अध्यात्म की तरफ हो गया था। वहीं छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा ग्रहण करने की बात कही। मुख्य अतिथि जोगेंद्र सिंह रावत ने छात्र छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि स्वामी जी बचपन से ही बहुत बुद्धिमान थे। कहा जाता है कि मां के आध्यात्मिक प्रभाव और पिता के आधुनिक दृष्टिकोण के कारण ही स्वामी जी को जीवन अलग नजरिए से देखने का गुण मिला। स्वामी जी के पिता कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक वकील थे। उनके दादा दुर्गाचरण दत्त संस्कृत और फारसी भाषा के विद्वान थे और 25 वर्ष की आयु में साधु बन गए थे। पारिवारिक माहौल ने उनकी सोच को आकार देने में मदद की। नरेन बचपन से ही बहुत चंचल स्वभाव के थे। जैसे-जैसे वो बड़े होते गए, उनमें व्यावहारिक ज्ञान और पौराणिक समझ गहरी होती गई। रोहित सोनी ने बच्चों को मोबाइल से दूर रहने वह अपने जीवन शैली को व कैरियर को आगे बढ़ाने में शिक्षा को महत्वपूर्ण बताया अध्यापक जितेंद्र सिंह शेखावत ने मंच संचालन के साथ-साथ छात्र-छात्राओ को समाज और देश की तरक्की में स्वामी विवेकानंद की जीवन शैली पर प्रकाश डाला और कहा की शिखर पर आगे तभी बढगे जब सभी लोग शिक्षित हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में आज भी ग्रामीण क्षेत्र के लोग शिक्षा के प्रति जागरूक नहीं है। जबकि सरकार द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये अनेकों प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। सभी बच्चे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान दे अपना कैरियर बनाकर कुछ न कुछ कामयाबी हासिल करे यह तभी संभव है जब आप में शिक्षा के गुण होंगे। इस मौके पर प्रधानाचार्य रामकिशन वर्मा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जोगेंद्र सिंह रावत विशेष अतिथि नेनु पटेल,प्रभु रायका राजेंद्र रायका,सुरेंद्र सोलंकी,सांवरलाल रायका,केसर सिंह,छगनलाल लोहार,देवेंद्र सोनगरा,शारीरिक शिक्षक शराफत खा पठान,अध्यापक नंदकिशोर वैष्णव, अध्यापक बबलेश जाट, अध्यापक जितेंद्र सिंह शेखावत,अध्यापिका शीला गुर्जर,मंजू शर्मा किस्मत खटीक सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।