20 से 22 जून को “सतलोक आश्रम उड़दन बैतूल में कबीर प्रकट दिवस बनाया जायेगा जिसकी की तैयारियाँ जोरों पर
कमल सिंह लोधा
बेतूल: स्मार्ट हलचल/सतलोक आश्रम उड़दन,जिला बैतूल में 20, 21, और 22 जून 2024 को आयोजित होने वाले कबीर परमेश्वर जी के 627 वें प्रकट दिवस के पावन अवसर की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। यह तीन दिवसीय आयोजन पूर्णब्रह्म कबीर साहेब जी के जीवन और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है,जो हर वर्ष जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के पावन सानिध्य में बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आश्रम में तैयारियों को लेकर विशेष जोश और उत्साह देखा जा रहा है। भक्तजन बड़ी संख्या में जुटे हुए हैं और दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। आश्रम परिसर की सफाई, सजावट, और सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों और विभिन्न सजावटी वस्तुओं से आश्रम को सजाया जा रहा है ताकि वातावरण भक्तिमय और दिव्य हो सके इस तीन दिवसीय महा विशाल समागम में परमात्मा कबीर साहेब जी की शिक्षाओं पर आधारित विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें प्रमुख रूप से शामिल होंगे जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा परमेश्वर कबीर साहेब जी की शिक्षा पर आध्यात्मिक सत्संग किए जाएंगे, जिससे भक्तजन आध्यात्मिक ज्ञान और प्रेरणा प्राप्त करेंगे।पूरे आयोजन के दौरान आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज जी द्वारा लिखित अमर ग्रन्थ साहेब का अखंड पाठ होगा। जिसे सुनने मात्र से श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति व पुण्य लाभ मिलता है व उनके पापकर्मो का नाश होता है।समागम के दौरान दीन रात चौबीसों घंटे शुद्ध देशी घी से निर्मित भंडारा श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा, यह भंडारा पापनाशक है जो भी श्रद्धालु इस भंडारे को श्रद्धापूर्वक ग्रहण करेगा उसके जन्मों-जन्मों के पापकर्मों का नाश होगा व उसे सद्बुद्धि आएगी।इस बार भंडारे में शुद्ध देशी घी से निर्मित लड्डू, जलेबी व बर्फी के साथ दाल चावल सब्जी, अचार व सलाद का प्रसाद बनाया जाएगा।कबीर साहेब जी के जीवन व उनकी लीलाओं पर आधारित प्रदर्शनी लगाई जाएंगी जो उनकी शिक्षाओं को सरल और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करेंगी। जिससे मानव समाज में वास्तविक जानकारी पहुंच सकेंगी। साथ ही सर्व धर्मग्रंथों की पवित्र पुस्तकों की आध्यात्मिक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी जिससे पूर्ण परमात्मा की वास्तविक जानकारी मानव समाज को मिलेगी व सच्चे गुरु (तत्वदर्शी संत) की पहचान होगी। समागम के दौरान गरीब,असहाय लोगों व सेना के घायल जवानों की सहायता के लिए संत रामपाल जी महाराज जी के आदेश से अनुयायियों द्वारा हजारों यूनिट रक्त का दान भी किया जाएगा। समागम के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए प्रेक्टिकल अनुसंधान कार्य हेतु व जरूरतमंद के लिए अंग दान हेतु अनुयायियों द्वारा देहदान के संकल्प फार्म भी भरे जाएंगे।दहेज प्रथा रूपी सामाजिक कुरूती को खत्म करने के उद्देश्य से संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में 101 जोड़ों का बिना दान-दहेज के मात्र 17 मिनट में गुरुवाणी द्वारा विवाह संपन्न होगा। संत रामपाल जी महाराज जी के आदेश से अभी तक ऐसे कई लाखों विवाह सम्पन्न हो चुके है।