एग्जाम सेंटर पर प्रवेश के लिए डेढ़ घंटे पहले पहुंचना पड़ा अभियर्थियो को
भीलवाड़ा/राजस्थान में कर्मचारी चयन बोर्ड की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (चपरासी) भर्ती परीक्षा शुक्रवार से शुरू हुई। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिए हजारों डिग्री होल्डर भी एग्जाम देने पहुंचे। वहीं तीन दिवसीय में छह पारियों में होने वाली ये भर्ती परीक्षा राज्य के इतिहास की सबसे ज्यादा अभ्यर्थियों वाली भर्ती परीक्षा बताई जा रही है। इसमें 53 हजार 749 पदों के लिए 25 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। सरकारी नौकरी के प्रति लालसा कहें या बेरोजगारी का आलम कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी परीक्षा देने ऊंची डिग्रीधारक भी बड़ी संख्या में पहुंचे। परीक्षा की बेसिक क्वालिफिकेशन 10वीं पास है, लेकिन एमबीए, बीटेक, एमएमसी, एमए बीएड समेत विभिन्न डिग्रीधारी अभ्यर्थी आए। शुरुआती आंकड़े के अनुसार, पहले दिन पहली पारी में करीब 84 प्रतिशत अभ्यर्थी उपस्थित रहे।
निर्देशों की कड़ाई से पालना…
पहली पारी में परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थियों में कुछ ऐसे थे, जो गहने या जींस पहनकर आए. ऐसे अभ्यर्थियों के गहने मुख्य द्वार पर ही उतरवाए गए। जींस में लगे मेटल बटन हटाने के बाद ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। परीक्षा से ठीक 1 घंटे पहले केंद्र के गेट बंद कर दिए गए, जो अभ्यर्थी इसके बाद केंद्र पर पहुंचे, वह यहां गुहार लगाता रह गया, हालांकि कुछ परीक्षा केंद्रों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर होने के चलते फेस रिकॉग्निशन और बायोमेट्रिक में परेशानी हुई। खास बात ये है कि इस बार अभ्यर्थियों को परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र घर ले जाने नहीं दिया जाएगा।
53749 पदों पर भर्ती परीक्षा
कोई बायोमेट्रिक और फेस रिकॉग्निशन के लिए घंटे भर तक कतार में लगे रहे तो कोई दौड़ते-भागते एग्जाम सेंटर पर पहुंचा। परीक्षा कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के साथ शुरू हुई। छात्रों की त्रिस्तरीय जांच के बाद परीक्षा कक्ष में जाने की अनुमति दी। परीक्षा को लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज सहित जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी एग्जाम सेंटर्स पर निरीक्षण को निकले।
इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या
उन्होंने बताया कि जब फेस स्कैन करते हैं और बायोमेट्रिक लेते हैं तो अभ्यर्थी की डिटेल्स सर्वर पर पहुंचती है, इसलिए वहां प्रॉपर कनेक्टिविटी आवश्यक है. कभी- कभी कनेक्टिविटी डाउन हो जाती है। ये टेक्निकल इश्यू है. इस वजह से कैंडिडेट्स को निर्देश दिए हैं कि वो कम से कम डेढ़ से 2 घंटे पहले पहुंचें ताकि कोई समस्या होती है तो समाधान निकाला जा सके।
जींस के बटन तोड़े, गहने खुलवाए
पूर्व में सभी कैडिडेट्स को ड्रेस कोड की पालना के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद कुछ अभ्यर्थी गहने पहन पहुंचे तो कुछ जींस पहनकर आए. ऐसे अभ्यर्थियों के सामने कोई मजबूरी होती है या वो निर्देश समझ नहीं पाते ऐसे कैंडिडेट्स को केंद्र पर सेंटर इंचार्ज हैंडल करते हैं. उनके गहने खुलवाए। जींस के बटन मेटल के हैं तो हटाया गया ताकि पारदर्शिता और सुचिता बनी रहे।
बीटेक, एमबीए डिग्री होल्डर भी शामिल
मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि परीक्षा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की हो रही है, जिसमें बेसिक क्वालिफिकेशन 10वीं पास है, लेकिन प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या ज्यादा है, जो सरकारी नौकरी नहीं कर रहे, वे खुद को बेरोजगार मानते हैं. ऐसे बहुत से युवक-युवतियां हैं जो प्राइवेट नौकरी कर रहे होते हैं, लेकिन प्राथमिकता सरकारी नौकरी होती है. इसी वजह से अभ्यर्थी चाहे 10वीं पास हो या 12वीं पास हो, यहां तक की ग्रेजुएशन, बीटेक, बीएमएस डिग्री होल्डर, एमबीए, एमसीए जैसी मास्टर डिग्री लेने वाले अभ्यर्थी भी इस परीक्षा में भाग्य आजमा रहे हैं। इस वजह से संख्या बढ़ गई. एक अनुमान के अनुसार करीब 25 फीसदी अभ्यर्थी ही ऐसे हैं, जो दसवीं पास है। बाकी अभ्यर्थी ओवर क्वालिफाइड हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल ये आंकड़ा नहीं बता पाएंगे कि कितने छात्र एमबीए हैं या बीटेक हैं, क्योंकि फॉर्म में बेसिक क्वालिफिकेशन भराई जाती है। ओवर क्वालिफाइड अभ्यर्थियों को अलग शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया।


