स्मार्ट हलचल/नगर पालिका कैथून को नगर निगम कोटा में सम्मिलित किये जाने के विरोध में कलेक्ट्रेट कोटा पर लाडपुरा प्रधान नईमुद्दीन गुड्डू एवं सुश्री आईना महक अध्यक्ष नगर पालिका कैथून के नैतृत्व में विशाल धरना प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शनकारियों द्वारा विरोध करते हुए बताया गया कि नगर पालिका कैथून को नगर निगम कोटा में मिला दिया गया तो कैथून का विकास रुक जायेगा। नगर निगम कार्यालय नगर पालिका कैथून से लगभग 17 किमी की दूरी पर स्थित होने के कारण आमजन को किसी भी कार्य के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा और धक्के खाने जैसी नौबत कैथून की जनता के लिए आ जायेगी। कैथून नगर पालिका क्षेत्र लगभग 5-6 किमी के एरिये में बसा हुआ है और कैथून नगर पालिका कार्यालय कस्बे के बीच ही स्थित होने की वजह से आमजनता को कोई परेशानी नहीं होती और नगर पालिका संबंधित कार्य आसानी से हो जाते है। यदि नगर पालिका को नगर निगम में सम्मिलित कर दिया गया तो कैथून क्षेत्र में मात्र लगभग 4-5 वार्ड बनकर रह जायेगें और कैथून का अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा। क्योंकि कैथून कोटा डोरिया और विभीषण मन्दिर के लिए विश्व विख्यात है और अपनी एक अलग पहचान रखता है।
नगर पालिका अध्यक्ष सुश्री आईना महक द्वारा बताया कि स्थानीय लाडपुरा विधायक कल्पना देवी द्वारा नगर पालिका कैथून को नगर निगम कोटा में सम्मिलित किये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र प्रेषित किया गया है जिसमें कई झूठी और मिथ्या बातो का वर्णन किया गया है कि कैथून नगर पालिका क्षेत्र में संसाधनों का अभाव है तथा वित्तीय परिस्थितियों के कारण यह नगर पालिका अपने उद्देश्यों को पर्याप्त नहीं कर पा रही है जो कि पूर्णतया झूठ है। नगर पालिका कैथून में आज तक कभी भी किसी प्रकार के संसाधनों का अभाव नहीं रहा है और ना ही कभी कोई वित्तीय संकट आया है।
प्रधान नईमुद्दीन गुड्डू ने कहा कि नगर पालिका कैथून क्षेत्र का स्वयं का एक अस्तित्व है जो कि कोटा शहर से भी पुराना नगर है तथा नगर पालिका कैथून का नाम इतिहास के पन्नों में भी दर्ज है। नगर पालिका कैथून में अधिकतर बुनकर समुदाय के लोग निवास करते है और फर्निचर का भी हब है। साथ ही कैथून क्षेत्र में ईंटो का निर्माण भी होता है तथा व्यापार की दृष्टी से इस क्षेत्र में कहीं कोई परेशानी नहीं है। दूर-दूर से लोग यहां साडियां, फर्नीचर, ईंटे व अन्य कई प्रकार की सामग्रिया खरीदने कैथून कस्बे में आते है। कोटा डोरिया साडी तथा विश्व प्रसिद्ध एकमात्र विभीषण मन्दिर के लिए कैथून कस्बे की अपनी एक अलग ही पहचान है। यहां की साडियां फर्नीचर आदि कई राज्यों तथा देश विदेश में भी निर्यात की जाती है। यहां तक कि नगर पालिका कैथून क्षेत्र में बुधवार के दिन हाट बाजार भी लगता है। जिसमें नगर पालिका कैथून क्षेत्र के आस पास के लगभग 80 गांव के लोग खरीददारी करने के लिए आते है। जिसके कारण कैथून वासियों को व्यापार के पर्याप्त स्त्रोत प्राप्त है और आमजन को सभी सुविधाएँ उपलब्ध हो जाती है।
पालिका अध्यक्ष आईना महक ने कहा नगर पालिका कैथून की अपनी स्वयं की निजी स्वामित्व की भूमियां है और समस्त सिवायचक भूमियां नगर पालिका कैथून के नाम दर्ज है। विधायक महोदया ने क्षेत्र की जनता के हित की बात करते हुए लिखा है कि कैथून नगर पालिका को निगम में सम्मिलित किये जाने से जनता का हित है। जबकि लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के कई एरिए पूर्व में नगर निगम कोटा में सम्मिलित किये गये थे। जिनमें उम्मेदगंज भी आता है जिसका जिक विधायक महोदय ने अपने पत्र में भी किया गया है। जिसकी दशा देखते ही बनती है क्योंकि उक्त ग्रामीण ऐरिये को निगम में सम्मिलित कर केवल निगम का नाम देकर मात्र खानापूर्ति की गई है विकास के नाम पर आज तक कुछ भी नहीं किया है। जिससे लोगों को इधर-उधर भटकना पड रहा है तथा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे ओर भी कई क्षेत्र है जिनके निगम में मिलने के बाद भी आज तक विकास से वंचित है तथा जहां पर आज भी कच्चे रास्ते है। इसलिए नगर पालिका कैथून को नगर निगम कोटा में मिलाने से कैथून वासियों का हित नहीं अहित होगा। क्योंकि नगर पालिका कैथून विकसित नगर पालिका है और नगर पालिका स्वयं का अपना एक अस्तित्व एवं क्षेत्राधिकार है जो कि कैथून के निवासियों के विकास एवं हित के लिए उचित है।
विधायक महोदया द्वारा मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित पत्र में झूठी एवं मिथ्या जानकारी दी गई है। नगर पालिका कैथून को समाप्त कर नगर निगम में मिलाने से आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पडेगा। क्योंकि कार्यालय नगर निगम कोटा कैथून से लगभग 16-17 किमी की दूरी पर स्थित है और कैथून में अधिकतर मजदूर वर्ग के लोग रहते है। जिनको पैसा खर्च कर इतनी दूर जाने में परेशानी होगी। कई कार्य ऐसे भी होते है जो कि एक दिन में नहीं हो पाते तो इसके लिऐ लोगों को दुबारा भी कार्यालय में आना पडता है। नगर पालिका को समाप्त कर नगर निगम में मिला दिया गया तो लोगों को इतनी दूर जाना पडेगा और कार्य पूर्ण नहीं होने पर बार-बार चक्कर काटने पड़ेगें। नगर पालिका कैथून क्षेत्र कोटा से भी पुराना कस्बा है और विश्व प्रसिद्ध एकमात्र विभीषण मन्दिर और कोटा डोरिया के लिए अपनी एक अलग पहुंचान रखता है। क्योंकि कोटा डोरिया की साडिया जो कि देश विदेश में भी प्रसिद्ध है। उसका कार्य कैथून में रहने वाले बुनकर समुदाय के लोगों द्वारा ही किया जाता है। यदि कैथून क्षेत्र को नगर निगम कोटा में मिलाया गया तो कैथून कस्बे का अस्तित्व ही खतम हो जायेगा। कैथून कस्बे में सभी सुविधाएँ है तथा कैथून कस्बा विकसित कस्बा है। यदि आप कैथून कस्बे का ओर अधिक विकास ही कराना चाहते है तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कैथून को सेटेलाईट करवा दीजिए क्योंकि 80 गांव के लोग यहां ईलाज के लिए आते है। यदि उक्त अस्पताल सेटेलाईट हो गया तो सुविधाएँ और बेहतर हो जायेगी। इसी प्रकार कैथून कस्बे में तहसील कार्यालय भी खुलवाया जाए। क्योंकि तीन-तीन विधानसभा लाडपुरा, कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण तीनों का तहसील कार्यालय एक ही है जो जिला मुख्यालय पर स्थित है। जिसमें कार्य की अधिकता होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पडता है। कैथून कस्बे में खेलप्रेमी भी काफी है और नगर पालिका कैथून के पास अपने निजी स्वामित्व की भूमि भी स्थित है जिसका मास्टर प्लान में भी उपयोग खेल मैदान के लिए ही है।
उक्त धरने में मुख्य रूप से ब्लॉक अध्यक्ष बी व पंचायत समिति सदस्य अनूप मेहरा, पार्षद जफर हुसैन, फरजाना बानो, शफीकन बानो, तस्लीम बानो, शमीम बानो उर्फ गुड्डी मोहम्मद इरशाद, मोहम्मद अहसान, साबिर भाई, मंजूर बिहारी, मुकुट नागर, घनश्याम मेहरा पूर्व उपाध्यक्ष, इलियास खोकर पूर्व पार्षद, गोपाल पूर्व पार्षद, मुन्ना मिस्त्री जुम्मा भाई. पूर्व नगर अध्यक्ष, बाबूभाई, चन्द्रबेल मीणा, कंचर परिहार, अनूप मेहरा, लियाकत अंसारी अध्यक्ष अंसारीयान सम्मेलन समिति,आरामपुरा जीएसएस अध्यक्ष रमेश गुर्जर,उपाध्यक्ष हेमचन्द कुशवाह, कमरून्निशा, पीरा, कुन्ती बाई पूर्व पार्षद, नन्दू बाई, लोकेश विजय, सलाम अगवान, हरिशंकर, तन्नु, खूबचन्द भारती तथा नगर पालिका कैथून क्षेत्र की महिलाएं उपस्थित रही।
वर्जन
नगरपालिका अध्यक्ष आईना महक ने आरोप लगाया कि धरना प्रदर्शन की सूचना पूर्व में पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन को दे दी गयी थी फिर भी प्रशासन द्वारा हमे धरने देने