गंगापुर – नगरपालिका द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव के पांचवे दिन राजा दसरथ ने कहाँ की मनुष्य को जीवन मे शिक्षा, धन अर्जित करना चाहिए मगर दान पुण्य भी करना चाहिए। एक आयु पश्चात् मनुष्य को ईश्वर स्मरण करना चाहिए। राजा दशरथ ने देखा की उनके बाल सफ़ेद होने लग गए इस पर मंत्रिमंडल से चर्चा कर गुरु वशिष्ठ के समक्ष राम को राजा बनाने का प्रस्ताव रखा। जिस पर कुल गुरु वशिष्ठ ने आदेश कर शीघ्र ही राज्यभिषेक की तयारियां करने का आदेश दिया। जैसे ही अयोध्या मे केकई की दासी मंतरा को ये पता चला तो उसने रानी केकेयी को अपनी बातो मे उलझा कर राजा दशरथ से भरत के राज्याभिषेक ओर राजा राम को 14 वर्ष वनवास के वर माँगने के लिए विवश कर दिया। इस पश्चात् केकई ने अपनी कूटनीति से राजा दसरथ को राम की सौगंध दिलाकर राजा दशरथ से दो वर मांगे जिसमे अपने पुत्र भरत का राज्यभिषेक ओर राम को 14 वर्ष का वनवास माँगा।
आज के कार्यक्रम की शुरुवात मे पूर्व प्रधानाचार्य मुरली मनोहर भट्ट, भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष चमन लोसर, अम्बालाल कुमावत, यज्ञदत्त शर्मा द्वारा दीप प्रज्ववलन व माल्यापर्ण कर शुरुवात की गई। इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष दिनेश चंद्र तेली, अरविन्द चौधरी, हरीश श्रोत्रिय, रतन लाल खटीक, प्रहलाद सुथार,मनीष तिवारी, धर्मेंद्र गहलोत उपस्थित थे।