पोटलां । कस्बे में स्थित गायत्री शक्तिपीठ यज्ञशाला परिसर में गुरुवार को पौराणिक और दुर्लभ माने जाने वाले कल्पवृक्ष के जोड़े का विधिवत रूप से रोपण किया गया। गायत्री शक्तिपीठ से जुड़े भगवती लाल भाटिया ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कल्पवृक्ष को इच्छापूर्ति करने वाला वृक्ष माना जाता है। यह समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में से एक था। जिसे स्वर्ग में स्थापित कर देवी-देवता मनोवांक्षित वरदान प्राप्त करते थे। यह वृक्ष न केवल हिन्दू, बल्कि बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों के लिए भी पूजनीय कल्पवृक्ष का रोपण, विशेष रूप से धार्मिक स्थलों पर, पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक है। कल्पवृक्ष का जोड़ा रोपण करने में ग्रामीणों ने सहयोग देकर साकार किया। आचार्य द्वारा शंख ध्वनि और पूजा-अर्चना एवं मंत्रोच्चार के साथ वृक्ष का रोपण किया गया एवं पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। इस दौरान रामचंद्र बोहरा, गुलाबचंद लखारा, महेश दाधीच, गोपाल असावा, गोपाल छिपा, सीता पारीक, ललित बोहरा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।