राजेश कोठारी
करेड़ा :– कस्बे के चावंडा चौक में विराट कवि सम्मेलन संयोजक नेमीचंद बोहरा के मुख्य आतिथ्य, जिला परिषद सदस्य पारसमल जीनगर की अध्यक्षता , सरपंच सीता देवी वैष्णव , रघुनाथ गुर्जर , अनिल मेहता के विशिष्ट आतिथ्य में मां चामुंडा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ हुआ । कवि सम्मेलन के सूत्रधार कवि दिलखुश राव ने बताया कवि सम्मेलन के दौरान कवियों के द्वारा दी गई ओजस्वी एवं हास्य प्रस्तुतियों में ” प्यार – वार – व्यापार यह राजस्थानी बहुत अच्छे से करता है ” । ” वाम पन्क्तियों को राम पंक्ति ही बनाकर छोड़ा “। ” वफा जो कर नहीं पाओ तो गैरों के भी हो जाना” । “बुजुर्गों की दुआ एवं बद दुआ खाली नहीं जाती है – जो माता-पिता को ठुकराते वह पत्थर कहां पिघलते हैं, उछाले आबरू घर की तो वो टुकड़ों में जलते हैं, घरों से भाग के वो शादी रचाते वह अक्ल के अंधे है ,
” जो परिवार से कटते वो ही टुकड़ों में बंटते हैं “”
“”जिस डाली पर झूला झूले उसको ही अब तोड़ना दे “”
सारी दुनिया कहती है बेटियां तो पराई है, मगर पिता तुम आज भी बेटों से बढ़कर जां छिड़कते हो “”
जैसी वीररस, हास्य रस एवं पैरोडियों तथा शायरीयों के साथ कवि हास्य कलाकार देव किशन मेगांस , वीररस के कवियीत्री शालु जैन , गोपाल शर्मा, पैरोडीकार संपत साथी, हास्य रस के कवि ओम आदर्शी , शायर कान्हा सुथार द्वारा देर रात तक दी गई प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को राष्ट्रभक्ति एवं हास्य प्रस्तुतियों से बांधे रखा ।
कवि सम्मेलन के दौरान गोपाल कृष्ण महात्मा , राजेंद्र तिवाड़ी, कल्याण सिंह चुंडावत सहित कई जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण उपस्थित थे ।