Karnataka Bandh & Kempegowda Airports
कर्नाटक बंद के कारण केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से 44 उड़ानें रद्द,Karnataka Bandh & Kempegowda Airports
तमिलनाडु के साथ कावेरी जल बंटवारे के मुद्दे पर कर्नाटक बंद के कारण केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से आने-जाने वाली करीब 44 उड़ानें रद्द कर दी गईं। हवाईअड्डे के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।इसी तरह, राज्य परिवहन निगमों ने भी अपनी कई बस सेवाएं रद्द कर दीं। खासकर मैसूरु, मांड्या और चामराजनगर के कावेरी बेसिन जिलों में, जहां बंद का सबसे अधिक प्रभाव था।
क्यों हो रहा कर्नाटक बंद?
बता दें कि तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़ने के खिलाफ कर्नाटक के मांड्या में किसान और विभिन्न कन्नड़ समर्थक संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी कर्नाटक सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह पड़ोसी राज्य के लिए पानी छोड़ना बंद करे। उन्होंने दावा कि कृष्ण राजा सागर बांध में पेयजल आपूर्ति तक के लिए पर्याप्त जल नहीं है और इससे सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करना तो दूर की बात है।
कावेरी मुद्दे पर कर्नाटक बंद से जन-जीवन प्रभावित
‘कन्नड़ ओक्कूटा’ की ओर से आहूत कर्नाटक बंद को बेंगलुरु और राज्य के दक्षिणी इलाकों के लोगों का पूरा समर्थन मिला। बंद से जन-जीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने बेंगलुरु शहर, मांड्या, मैसुरु, चामराजनगर, रामनगर और हसन जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। साथ ही वहां के स्कूल और कॉलेज के लिए छुट्टी घोषित की है। ‘कन्नड़ ओक्कूटा’ कन्नड़ और किसान संगठनों का एक मूल संगठन है। नदी जल विवाद को लेकर मंगलवार को भी बेंगलुरु में बंद आहूत किया गया था। मांड्या जैसे कावेरी बेसिन जिलों में अधिकतर दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और भोजनाल बंद रहे। उन इलाकों में निजी वाहन भी सड़कों से नदारद रहे। बहुत कम संख्या में सरकारी बसें चलीं।
क्या है कावेरी जल विवाद,
गौरतलब है कि कावेरी नदी कर्नाटक और तमिलनाडु की प्रमुख नदी है। कर्नाटक से यह नदी तमिलनाडु जाती है और समुद्र में मिलती है। कावेरी के पानी का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में खेती में होता है। कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी के पानी को लेकर विवाद है। यह विवाद सुप्रीम कोर्ट तक गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और इसकी सहायक संस्था कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के फैसलों में हस्तक्षेप करने से इनकार किया है। CWMA और CWRC ने कर्नाटक को कहा है कि वह तमिलनाडु के हिस्से का पानी छोड़े। इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक को 15 अक्टूबर तक तमिलनाडु को 3,000 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड (क्यूसेक) की दर से पानी छोड़ने के कावेरी जल विनियमन समिति के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
प्रदर्शनकारियों ने कर्नाटक CM का पुतला जलाया
राज्य के अन्य हिस्सों में बंद का मिला-जुला असर रहा। प्रदर्शनकारियों ने चित्रदुर्ग में राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का पुतला भी जलाया। कन्नड़ फिल्म जगत ने भी बंद को समर्थन दिया है। ‘कर्नाटक फिल्म एक्जीबीटर्स एसोसिएशन’ ने बंद का समर्थन किया है। वहीं, राज्य भर में सिनेमाघरों में शाम तक के शो रद्द कर दिए गए हैं। बेंगलुरु की अधिकांश सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों और अन्य कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा है। ‘ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स यूनियन’ और ‘ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन’ ने भी बंद को समर्थन दिया है।
‘कन्नड़ ओक्कूटा’ की ओर से आहूत कर्नाटक बंद को बेंगलुरु और राज्य के दक्षिणी इलाकों के लोगों का पूरा समर्थन मिला। बंद से जन-जीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने बेंगलुरु शहर, मांड्या, मैसुरु, चामराजनगर, रामनगर और हसन जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। साथ ही वहां के स्कूल और कॉलेज के लिए छुट्टी घोषित की है। ‘कन्नड़ ओक्कूटा’ कन्नड़ और किसान संगठनों का एक मूल संगठन है। नदी जल विवाद को लेकर मंगलवार को भी बेंगलुरु में बंद आहूत किया गया था। मांड्या जैसे कावेरी बेसिन जिलों में अधिकतर दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और भोजनाल बंद रहे। उन इलाकों में निजी वाहन भी सड़कों से नदारद रहे। बहुत कम संख्या में सरकारी बसें चलीं।
फिल्म स्टार्स ने किया बंद का समर्थन