भीलवाड़ा-पेसवानी
हाथरस में आयोजित श्री दाऊजी मेला महोत्सव के अवसर पर हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में भीलवाड़ा के प्रख्यात ओजस्वी कवि योगेंद्र शर्मा को “पद्मश्री काका हाथरसी स्मृति सम्मान” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें हिंदी काव्य साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान और कालजयी रचनाधर्मिता के लिए प्रदान किया गया।
सम्मान समारोह में जिलाधिकारी राहुल पाण्डेय, सांसद अनूप वाल्मिकी सहित अन्य जनप्रतिनिधि और मेला आयोजन समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने कवि योगेंद्र शर्मा को शॉल और प्रशस्ति-पत्र भेंट कर सम्मानित किया। मंच से उनके नाम की घोषणा होते ही पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
काव्यपाठ के दौरान जब कवि योगेंद्र शर्मा मंच पर आए तो पूरा सभागार उनके स्वागत में खड़ा हो गया। उन्होंने अपनी ओजस्वी कविताओं का पाठ कर वातावरण में देशभक्ति की लहर दौड़ा दी।
उनकी पंक्तियाँ “सूर्यवंश की तरुणाई में जागी जबर जवानी है कश्मीर के जर्रे-जर्रे पर अधिकार हमारा है, भारत माँ का मस्तक हमको प्राणों से भी प्यारा है।” सुनकर श्रोता भावविभोर हो उठे। कई लोग खड़े होकर भारत माता की जय के नारे लगाने लगे और वातावरण देशप्रेम के उत्साह से सराबोर हो गया।
कार्यक्रम में मौजूद साहित्यप्रेमियों ने कहा कि मेवाड़ की धरती के कवि योगेंद्र शर्मा की रचनाएँ न केवल राष्ट्र जागरण का आह्वान करती हैं बल्कि नई पीढ़ी को मातृभूमि के प्रति समर्पण और त्याग का प्रेरक संदेश भी देती हैं। उनकी कविताएँ समाज में जागरूकता, देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता की भावना को सशक्त करती हैं।
काका हाथरसी स्मृति सम्मान प्राप्त कर कवि योगेंद्र शर्मा ने न केवल भीलवाड़ा का गौरव बढ़ाया, बल्कि हिंदी साहित्य जगत में अपनी ओजपूर्ण उपस्थिति को और सशक्त किया है। उनका यह सम्मान युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा और आने वाले समय में उनकी कविताएँ राष्ट्र निर्माण की धारा को और प्रखर करेंगी।