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कवियित्री अनुराग बाला पाराशर की स्मृति में सरस्वती मंदिर का निर्माण, विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास को समर्पित

शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी
शाहपुरा में साहित्य और संस्कृति की साधिका कवियित्री, लेखिका एवं साहित्यकार स्वर्गीय अनुराग बाला पाराशर की स्मृति को समर्पित करते हुए श्रीमती अनुराग बाला पाराशर फाउंडेशन की ओर से बुधवार को आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय में भव्य सरस्वती मंदिर का निर्माण कर समर्पण समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत अलसुबह से ही धार्मिक वातावरण में हुई। पंडित मनोज शर्मा के निर्देशन में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना, हवन एवं प्राण-प्रतिष्ठा का धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुआ। विद्यालय प्रांगण में भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति की धारा प्रवाहित होती रही।
फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. कमलेश पाराशर ने बताया कि आदर्श विद्या मंदिर में अध्ययनरत विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास और सनातन संस्कृति के अनुसरण की भावना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह मंदिर निर्मित कराया गया है। उन्होंने कहा कि यह सरस्वती मंदिर विद्यालय के मुख्य द्वार के सामने निर्मित कर उसे विद्यालय प्रबंध समिति को समर्पित किया गया है, ताकि विद्यार्थी प्रतिदिन मां सरस्वती की आराधना कर अध्ययन में निपुणता और संस्कारों में दृढ़ता प्राप्त कर सकें।
हवन यज्ञ का आयोजन पंडित मनोज शर्मा के निर्देशन में हुआ। इसमें डॉ. कमलेश पाराशर के साथ महावीर प्रसाद दीक्षित, तेजपाल उपाध्याय और ओमप्रकाश छीपा ने विधिवत आहुतियाँ दीं और विश्व कल्याण की कामना की। हवन उपरांत मां सरस्वती की प्रतिमा का जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक किया गया, जिसके बाद प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान विधिपूर्वक सम्पन्न कराया गया। पूरे आयोजन के दौरान विद्यालय परिसर में शिक्षकों और श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से भाग लिया। मां सरस्वती की आरती के साथ वातावरण में वेद मंत्रों की मधुर ध्वनि गूंजती रही।
डॉ. पाराशर ने कहा कि अनुराग बाला पाराशर के जीवन का उद्देश्य सदैव शिक्षा, साहित्य और समाज की सेवा रहा। उनके इन्हीं आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए यह फाउंडेशन कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन द्वारा भविष्य में सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहन, विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी कार्यक्रम और पुरस्कार योजनाएँ भी शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि “यह मंदिर केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि ज्ञान, संस्कार और सृजनशीलता का केंद्र बनेगा। मां सरस्वती की कृपा से विद्यार्थी जीवन में सफलता के नए आयाम प्राप्त करेंगे।”
कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव विजय सिंह, मोहनलाल कोली, धर्मवीर चैधरी सहित अनेक कार्यकर्ता, स्वयंसेवक और स्थानीय श्रद्धालु उपस्थित रहे। हवन और प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत सभी को अल्पाहार कराया गया। समापन अवसर पर डॉ. कमलेश पाराशर ने उपस्थित सभी अतिथियों, विद्यालय परिवार और स्वयंसेवकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि फाउंडेशन आने वाले समय में भी इसी तरह के धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक कार्यों के माध्यम से अनुराग बाला पाराशर की स्मृतियों को जीवित रखेगा। उन्होंने कहा कि शाहपुरा में अनुराग बाला पाराशर की पहचान साहित्य, संवेदना और समाज के प्रति समर्पण से थी। इस फाउंडेशन के माध्यम से उनकी विचारधारा को चिरस्थाई बनाने का प्रयास जारी रहेगा। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनसमूह ने मां सरस्वती के जयकारों के साथ ज्ञान, संस्कृति और सृजनशीलता की इस नई पहल का स्वागत किया।

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