“समस्या समाधान” शिविर खुद बना ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या; खजूरी में खाली पड़ी रहीं अधिकारियों की कुर्सियां
खजूरी (स्मार्ट हलचल) | विशेष रिपोर्ट
खजूरी: ग्राम पंचायत खजूरी मुख्यालय पर प्रशासन द्वारा आयोजित ‘समस्या समाधान शिविर’ अपनी सार्थकता खोता नजर आ रहा है। प्रशासन की उदासीनता और अदूरदर्शिता के चलते इस शिविर में ग्रामीण नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे सरकार के जन-कल्याणकारी दावों की पोल खुलती नजर आ रही है।
🛑 मुख्य कारण: ग्रामीणों का क्यों हुआ मोहभंग?
- दूरी बनी बाधा: शिविर गांव से 1 किमी दूर नए विद्यालय भवन में रखा गया है।
- अक्षम ग्रामीण: बुजुर्गों, महिलाओं और निशक्तजनों के लिए इतनी दूर पैदल चलना असंभव है।
- प्रचार का अभाव: आधे से ज्यादा गांव को शिविर की जानकारी तक नहीं दी गई।
- अदूरदर्शिता: पुराने विद्यालय (जो गांव के बीच था) के बजाय दूर का स्थान चुनना।
प्रशासन की घोर लापरवाही
ग्रामीणों ने रोष व्यक्त करते हुए बताया कि पहले इस तरह के शिविर गांव के मध्य स्थित विद्यालय भवन में आयोजित होते थे, जहाँ पहुंचना हर किसी के लिए सुगम था। वर्तमान प्रशासन ने इसे गांव की आबादी से एक किलोमीटर दूर नए भवन में स्थानांतरित कर दिया है। ग्रामीणों ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि “नाम तो समस्या समाधान शिविर है, लेकिन वहां तक पहुंचना ही हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या बन गया है।”
शिविर की विफलता का दूसरा बड़ा कारण उचित प्रचार-प्रसार की कमी है। प्रशासन द्वारा गांव में शिविर को लेकर कोई मुनादी या सूचना नहीं दी गई। किसी को यह तक नहीं पता कि शिविर किस चीज का है और किसलिए लगा है। सूचना के अभाव में ग्रामीण अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त रहे और शिविर स्थल पर अधिकारियों की कुर्सियां खाली नजर आईं।
“लाखों रुपये खर्च कर आयोजित किए जाने वाले इन सरकारी शिविरों का लाभ पात्र व्यक्तियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन अपनी इस गलती को सुधार कर शिविर का स्थान पुनः सुगम स्थल पर करेगा?”
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