पल्स पोलियो अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों का सराहनीय जज़्बा,आकर्षक सजावट से चमके उप स्वास्थ्य केंद्र, बच्चों ने खुश होकर पिलाई दवा
शाहपुरा@(किशन वैष्णव)रविवार को पल्स पोलियो अभियान के दौरान खामोर और नई राज्यास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग ने नौनिहालों को दो बूंद जिंदगी की पिलाकर देशव्यापी पोलियो उन्मूलन मिशन को नई गति दी। सुबह से ही उप स्वास्थ्य केंद्रों को रंग-बिरंगी सजावट से सजा दिया गया। गुब्बारे, पोस्टर, कार्टून कटआउट, स्वागत बैनर और जागरूकता स्लोगनों ने पूरे वातावरण को उत्सव जैसा बना दिया। बच्चों की हंसी, परिवारों की भीड़ और स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती ने यह स्पष्ट कर दिया कि ग्रामीण क्षेत्र अभी भी पोलियो मुक्त भारत की रीढ़ बने हुए हैं।खामोर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बिलिया, सारांश, बोरडा, रूपपुरा, सेमलिया, तहनाल, अरनिया घोड़ा और सांखलिया सहित सभी उप केंद्रों पर कुल 24 बूथों पर दवा पिलाई गई। यहां 3200 लक्ष्य में से 2515 नौनिहालों ने पोलियो की खुराक ली। अभियान में 85 स्वास्थ्यकर्मी, 5 सुपरवाइजर, और एक चिकित्सा अधिकारी ने दिनभर मेहनत की। दूरदराज के खेतों और कच्चे रास्तों वाले क्षेत्रों में भी टीमें घर-घर पहुंचकर छूटे बच्चों को बूथ तक लाई।उधर नई राज्यास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के 11 बूथों पर 1268 बच्चों में से 1005 नौनिहालों को दवा पिलाई गई, जो 85 प्रतिशत उपलब्धि है। यहां 35 सदस्यों वाली टीम में आशा सहयोगिनी,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,एनएम, सुपरवाइजर, सीएसओ और चिकित्सा अधिकारी पूरे समर्पण से लगे रहे। कई बूथों पर ग्रामीण महिलाओं और बुजुर्गों ने भी टीम का सहयोग किया।दोनों क्षेत्रों में उप स्वास्थ्य केंद्रों की आकर्षक सजावट बच्चों के आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। कई जगहों पर बच्चों को टॉफियां वितरित की जिससे छोटे बच्चों में अभियान को लेकर उत्साह बढ़ गया।इसी दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खामोर के चिकित्सा प्रभारी रोशन मीणा और नई राज्यास के चिकित्सा प्रभारी चेनाराम कुमावत ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। हमारा लक्ष्य सिर्फ दवा पिलाना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हमारे क्षेत्र का कोई भी बच्चा इस अभियान से छूटे नहीं। टीमें गांव-गांव जाकर छूटे हुए बच्चों को भी कवर कर रही हैं। ग्रामीणों का सहयोग और जागरूकता पिछले वर्षों की तुलना में काफी बढ़ी है, जिससे अभियान अधिक सफल हुआ है।उन्होंने यह भी बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्रों को आकर्षक बनाने का उद्देश्य बच्चों और अभिभावकों को सहज और सकारात्मक माहौल देना था। इस कारण इस बार सजावट और स्वागत की विशेष व्यवस्था की गई, जिसका प्रभाव भी देखने को मिला बूथों पर रिकॉर्ड संख्या में परिवार पहुंचते रहे।दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों के सामूहिक प्रयासों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब जागरूकता, सहयोग और समर्पण एक साथ आते हैं, तो किसी भी स्वास्थ्य अभियान को सफल बनाना कठिन नहीं।


