गरीब माँ की करुण पुकार: लाडो प्रोत्साहन योजना की ₹1.50 लाख राशि के लिए मुख्यमंत्री को भेजा भावुक प्रार्थना पत्र।
भाई दूज पर माँगा ‘भाई’ से न्याय खान का खेड़ा की प्रियंका गोस्वामी की विनती मुख्यमंत्री मेरे भाई हैं, मेरी लाडो उनकी भांजी, उसे उसका हक मिलना चाहिए।
शाहपुरा@(किशन वैष्णव)राजस्थान की लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत क्षेत्र के बिलिया ग्राम पंचायत के खान का खेड़ा की एक गरीब माँ ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से करुण पुकार करते हुए पत्र लिखा, ग्रामीण क्षेत्र की रहने वाली प्रियंका गोस्वामी, जिनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है,ने अपनी नवजात बेटी गुंजन के हक के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को एक भावुक पत्र भेजा है।इस पत्र में उन्होंने भाई दूज के अवसर पर मुख्यमंत्री को “भाई और खुद को “बहन के रूप में संबोधित करते हुए लिखा है कि भाई दूज के इस पावन पर्व पर मैं आपकी बहन बनकर आशीर्वाद माँग रही हूँ। मेरी लाडो आपकी भांजी है। उसे उसका पूरा हक दिलाइए। यह आपके आशीर्वाद से उसका भविष्य संवर जाएगा।
लाडो योजना की बढ़ी राशि का हकदार परिवार हुआ वंचित।
राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी लाडो प्रोत्साहन योजना राज्य में बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहन देने, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और बेटियों की शिक्षा-स्वास्थ्य में सुधार के उद्देश्य से 1 अगस्त 2024 से लागू की गई थी।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने 12 मार्च 2025 को विधानसभा में योजना की राशि ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1.50 लाख करने की घोषणा की थी, जिसे महिला अधिकारिता विभाग ने 7 मई 2025 को औपचारिक रूप से लागू किया।योजना के तहत यह राशि सात किस्तों में बालिका के जन्म से लेकर स्नातक तक दी जाती है।अंतिम किस्त बालिका के स्नातक उत्तीर्ण होने और 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर सीधे उसके खाते में हस्तांतरित की जाती है।
09 अगस्त को जन्मी बेटी,पर मिला पुराना संकल्प पत्र।
प्रियंका गोस्वामी बताती हैं कि उनकी पुत्री का जन्म 9 अगस्त 2025 को हुआ था यानी योजना की बढ़ी हुई राशि लागू होने के लगभग तीन महीने बाद।इसके बावजूद उन्हें ओजस पोर्टल के माध्यम से केवल ₹1 लाख की राशि का संकल्प पत्र जारी किया गया।प्रियंका का कहना है
जब सरकार ने राशि बढ़ा दी है और आदेश 7 मई को जारी हो चुका था, तो मेरी बेटी को पुरानी राशि क्यों? क्या गरीब की बेटी को सिस्टम नहीं पहचानता? यह केवल एक तकनीकी गलती है, जिसे सुधारा जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी लिखा कि योजना की राशि केवल कागज़ पर बढ़ी दिखाई दे रही है, जबकि वास्तविक लाभार्थियों तक संशोधित राशि पहुँचने में तकनीकी बाधाएँ आ रही हैं।
भाई दूज के पर्व पर भावनात्मक अपील,भेजे गए अपने पत्र में प्रियंका ने लिखा
‘‘मुख्यमंत्री जी, आज मैं बहन होकर अपनी बेटी के भविष्य की भीख नहीं, बल्कि उसका हक माँग रही हूँ। आप इस राज्य की हर बेटी के अभिभावक हैं। अगर मेरी लाडो को उसका पूरा संकल्प पत्र मिल जाए, तो यह भाई दूज का सबसे बड़ा उपहार होगा।”
पत्र में उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति का भी उल्लेख किया है उनका परिवार दिहाड़ी मजदूरी से किसी तरह गुजर-बसर करता है।
उन्होंने लिखा कि सरकार की यह योजना उनके जैसी गरीब माताओं के लिए आशा की किरण है, लेकिन सिस्टम की त्रुटि इस उम्मीद को धुंधला कर रही है।
तकनीकी गलती या लापरवाही?
महिला अधिकारिता विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार 7 मई 2025 के बाद जन्म लेने वाली सभी बालिकाएँ ₹1.50 लाख की राशि की पात्र हैं। ऐसे में प्रियंका की पुत्री का मामला स्पष्ट रूप से पात्रता की श्रेणी में आता है।
प्रियंका का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री कार्यालय इस पर संज्ञान लेता है, तो महिला एवं बाल विकास विभाग और ओजस पोर्टल प्रबंधन को निर्देश देकर यह त्रुटि तुरंत सुधारी जा सकती है।यह एक माँ की नहीं,प्रियंका कहती है कि मेरे जैसी हजारों माताओं की आवाज़ है राजस्थान की माताएँ योजनाओं पर भरोसा करके बेटियाँ पाल रही हैं। जब सिस्टम गलती करता है तो उनकी उम्मीद टूटती है। सरकार को इस मामले में उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए ताकि कोई और गरीब माँ न्याय के लिए पत्र न लिखे।राज्य सरकार की इस पहल से न केवल प्रियंका गोस्वामी को न्याय मिलेगा, बल्कि राजस्थान की हजारों अन्य लाडो को भी उनके अधिकार का लाभ मिल सकेगा।प्रियंका का कहना है कि सब माताओं की निगाहें मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के उस निर्णय पर टिकी हैं, जो एक गरीब माँ की बेटी के भविष्य को संवार सकता है और यह सिद्ध करेगा कि राजस्थान सचमुच बेटियों का राज्य है।


