जयपुर: प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में अपार खनिज सम्पदा मौजूद है, जिसका समुचित दोहन न केवल राजस्थान बल्कि हमारे देश की तस्वीर बदल सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को खनन के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता, तकनीक, पारदर्शिता और इन्वेस्टमेन्ट फ्रेंडली नीति के साथ काम करेगी. उन्होंने इससे सम्बन्धित मुददों के त्वरित निस्तारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वन विभाग, खान विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों की एक टास्क फोर्स गठित करने के भी निर्देश दिए.
राज्य मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन:
सीएम गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान में खनन क्षेत्र के विकास की संभावनाओं पर वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल एवं अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे. गहलोत ने कहा कि खनन के क्षेत्र में राजस्थान को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार लगातार सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ फैसले ले रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में खनिज अन्वेषण को गति देने के लिए राज्य मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया गया है. अब हम जल्द ही एक बेहतर खनिज नीति लाने जा रहे हैं. इससे राजस्थान में खनन के क्षेत्र में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण मिलेगा. निवेशकों को हमारी नीतियों और फैसलों की जानकारी मिल सके और वे विकास की यात्रा में हमारे भागीदार बन सकें, इसके लिए एक प्रभावी अभियान भी चलाया जाएगा.
रोजगार के अवसरों में भी हो सकेगी बढ़ोतरी:
सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में दूसरे राज्यों के मुकाबले कहीं अधिक खनिज सम्पदा मौजूद है, लेकिन समुचित दोहन नहीं होने के कारण राजस्व प्राप्ति में इसका हिस्सा काफी कम है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में खनन क्षेत्र का विकास होने पर राजस्व में बड़ी वृद्धि के साथ-साथ रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी हो सकेगी. सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में खनिजों के एक्सप्लोरेशन को वैज्ञानिक और तकनीकी दक्षता के साथ आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि खनन कम्पनियों को रिसोर्सेज से सम्बन्धित आंकड़ों की पर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराएंगे और हमारा प्रयास है कि प्रदेश में ऑक्शन की प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पारदर्शी तरीके से पूरी की जाए. उन्होंने कहा कि लीज आवंटन और ऑक्शन से संबंधित प्रक्रियाओं की मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी.