दूसरा आरोपी हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अभी तक जांच अधिकारी के सामने नहीं हुआ पेश
गंगापुर – पेसवानी
कोशीथल के किशन सालवी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिफ्तार दिल्ली निवासी अनिताराज पत्नी सुशील कुमार की जमानत याचिका जोधपुर उच्च न्यायालय से भी खारिज कर दी गई। हाई कोर्ट मंे परिवादी लखन सालवी के लिए पीपी हाथी सिंह जोधा, एडवोकेट के.एल. चौहान व एडवोकेट सतीश कुमार द्वारा पैरवी की गई। अपने फैसले में हाई कोर्ट के जस्टिस मुकेश राजपुरोहित ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि कोशीथल के किशन सालवी ने 4 फरवरी को आत्महत्या की थी, उसने सुसाइड नोट व डायरी लिखी थी, जिसमें दक्षिणी दिल्ली के जुगनपुरा निवासी अनिताराज पत्नी सुशील कुमार व चित्तौड़गढ़ जिले के ओमप्रकाश गर्ग व उसके पुत्र मुकेश गर्ग व चंदन गर्ग पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए थे। इस मामले में रायपुर पुलिस ने 5 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी। 18 जून को मृतक के बड़े भाई व परिवादी लखन सालवी (मृतक के भाई) ने जयपुर में डीजीपी व एडीजीपी (अपराध) को परिवाद देकर आरोपियों को गिरफ्तार करने व मामले की जांच सीआईडी (सीबी) से करने की मांग की थी। उसके बाद 20 जून को पुलिस ने एक आरोपी अनिताराज को गिरफ्तार किया। वहीं इस मामले की जांच अब सीआईडी सीबी द्वारा की जा रही है।
*हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद जांच अधिकारी के सामने नहीं आया दूसरा आरोपी*
जानकारी के अनुसार इस मामले में एक अन्य आरोपी ओमप्रकाश गर्ग ने सीआरपीसी की धारा 482 के अंतर्गत एफआईआर को रद्द करने व गिरफ्तारी को रोकने के लिए जोधपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर हाईकोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर स्टे के आदेश देते हुए 9 जून 2025 को 11.30 से पहले जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होने के निर्देश दिए थे लेकिन वो अभी तक जांच अधिकारी समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है।
*यह था मामला: बैंगलोर बुलाकर किशन सालवी के साथ की गई थी ठगी*
उल्लेखनीय है कि किशन सालवी ने सुसाइड नोट व डायरी लिखी थी, जिसमें उसने लिखा कि – चित्तौड़गढ़ जिले के नगरी गांव के ओमप्रकाश गर्ग ने उसे बैंगलोर बुलाया। उसने एक व्यवसाय के बारे में बताकर उसमें पैसा लगाने पर तीन गुना फायदा दिलवाने का वादा किया। उस पर विश्वास कर वो 7 लाख से अधिक रुपए एकत्र कर 15 जनवरी 2024 वो बैंगलोर गया। वहां एक होटल में उसे दिल्ली की मंथन संस्थान की कथित सचिव अनिताराज, चित्तौड़गढ़ के ओमप्रकाश गर्ग, दिल्ली के ओमप्रकाश व कपासन के अशोक कुमार मिले। वो 15 जनवरी वे 26 जनवरी 24 तक उनके साथ उस होटल मंे रुका। इस बीच अनिताराज व ओमप्रकाश गर्ग ने उससे 6 लाख 91 हजार 900 रुपए लिए।
ओमप्रकाश व अनिताराज ने उसे बताया था कि 25 जनवरी को डेविड नाम का फण्डर मुंबई से बड़ी रकम लेकर बैंगलोर आएगा। मगर 25 जनवरी को उन्हांेने डेविड का किडनैप हो जाने कहानी बताते हुए कहा कि एयरपोर्ट पुलिस ने डेविड व किडनैपर को पकड़ लिया है और चूंकि डेविड के पास भारी मात्रा में केश मिला है इसलिए पुलिस इंक्वायरी के लिए होटल आने वाली है। उन्होंने सबको भागने को कहा। ओमप्रकाश के कहने पर किशन ने सभी के फ्लाइट के टिकट किए और 26 जनवरी 2024 को सभी अपने घर चले गए। उसके बाद किशन ने अनिताराज व ओमप्रकाश से अपने पैसे मांगें तो दोनों आगे से आगे तारीखें देते रहे। बाद में अनिताराज ने किशन के नंबर ब्लॉक कर दिए और ओमप्रकाश तारीखें देता रहा।
3 फरवरी 2025 को भी किशन ने ओमप्रकाश गर्ग को कॉल कर कहा कि पैसे दे दो वरना मुझे मरना पड़ेगा, पर इसका ओमप्रकाश पर कोई असर नहीं पड़ा। और अंततः 4 फरवरी को किशन ने पॉइजन पीकर और फांसी पर लटककर आत्महत्या कर ली।
लखन सालवी ने बताया कि आरोपियों का संगठित गिरोह है, जिसने चित्तौड़गढ़ व भीलवाड़ा सहित कई जगहों के युवाओं को फंसाकर करोड़ों रुपए ठगे है।