कौशल विकास के क्षेत्र में साझा सहयोग से छात्रों को मिलेगा व्यावहारिक लाभ
कोटा|स्मार्ट हलचल|कोटा विश्वविद्यालय के कौशल विकास केंद्र और क्वालिटी सर्कल फोरम ऑफ इंडिया (QCFI) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता कौशल उन्नयन, औद्योगिक सहयोग तथा गुणवत्तापरक शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित करेगा।
वर्चुअल माध्यम से संपन्न हुआ हस्ताक्षर समारोह
इस MoU पर हस्ताक्षर एक वर्चुअल बैठक के माध्यम से किए गए, जिसमें दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए। इस तकनीकी माध्यम ने दूरी की सीमाओं को समाप्त करते हुए साझेदारी को एक व्यापक आयाम प्रदान किया।
साझेदारी से भविष्य निर्माण
कुलगुरू प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत ने कहा, “यह समझौता आपसी सहयोग, नवाचार और साझा उत्कृष्टता के लिए हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 21वीं सदी में शिक्षा की परिभाषा बदल रही है। केवल पुस्तकीय ज्ञान ही पर्याप्त नहीं, बल्कि छात्रों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना अनिवार्य है। कार्यकारी निदेशक प्रो. चेतन चित्तलकर ने कहा देश भर के प्रमुख औद्योगिक संस्थान उनसे जुडे है।
यह रहे उपस्थित
कोटा विश्वविद्यालय की ओर से समारोह में कुलगुरूप्रसाद सारस्वत, कौशल विकास केंद्र की निदेशक डॉ. अनुकृति शर्मा एवं डॉ. श्रुति अरोड़ा उपस्थित रहीं। वहीं, क्वालिटी सर्कल फोरम ऑफ इंडिया की ओर से अध्यक्ष अविनाश मिश्रा, उपाध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक डी.के. श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक प्रो. चेतन चित्तलकर, आईटी प्रबंधक मनोज रेड्डी सहित अन्य प्रमुख सदस्य शामिल रहे।
छात्रों को मिलने वाले प्रमुख लाभ
डा. अनुकृति शर्मा ने बताया कि इस समझौत से QCFI विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष प्रशिक्षण व मार्गदर्शन, उद्योग जगत से इंटर्नशिप व रोजगार के अवसर,नेतृत्व व सॉफ्ट स्किल्स में विकास,करियर ग्रोथ की व्यापक संभावनाएं,विश्वविद्यालय को मिलने वाले लाभ,पाठ्यक्रमों का उद्योग-उन्मुख आधुनिकीकरण,संकाय सदस्यों के लिए विशेष प्रशिक्षण व कार्यशालाएं,कुशल मानव संसाधन का निर्माण तथा स्टार्टअप व नवाचार को प्रोत्साहन का लाभ मिलेगा।
डा अनुकृति ने कहा कि इस समझौते के अंतर्गत निकट भविष्य में कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों, वर्कशॉप्स तथा फैकल्टी डेवलपमेंट सेमिनारों का आयोजन किया जाएगा।