पुनित चपलोत
भीलवाड़ा। ईसाई धर्म का सबसे बड़ा पर्व ‘क्रिसमस’ गुरुवार को भीलवाड़ा शहर सहित जिले भर में पारंपरिक उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। प्रभु यीशु मसीह के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में कृषि उपज मंडी स्थित मेथोडिस्ट चर्च में विशेष प्रार्थना सभाओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सुबह से ही ईसाई समुदाय के लोग नए वस्त्र पहनकर सपरिवार चर्च पहुँचे, जहाँ उन्होंने देश और दुनिया में अमन, शांति और भाईचारे के लिए विशेष प्रार्थना की। कार्यक्रम के दौरान चर्च के पादरियों ने पवित्र बाइबिल का संदेश सुनाते हुए प्रभु यीशु के जीवन मूल्यों पर प्रकाश डाला। प्रार्थना सभा के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगकर क्रिसमस की बधाई दी। इस अवसर पर चर्च परिसर में केक और मिठाइयाँ बाँटकर खुशियाँ मनाई गईं। फादर परमजीत माइकल ने गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, “क्रिसमस एक ऐसा त्यौहार है जिसे पूरी दुनिया एक साथ मिलकर मनाती है और इसकी चमक समय के साथ बढ़ती जा रही है। क्रिसमस केवल किसी एक मजहब या धर्म का त्यौहार नहीं, बल्कि पूरी मानवता का पर्व है।” ईसाई समाज की प्रतिनिधि सुनीता नाथ ने जिलेवासियों को बधाई देते हुए कहा कि, “प्रभु यीशु मसीह प्रेम, स्नेह और एकता का संदेश लेकर आए थे। उन्होंने मानवता के कल्याण के लिए अपने जीवन का त्याग किया और हमें पापों से मुक्ति दिलाई। हम सभी समाजजन चर्च में आराधना के बाद घर-घर जाकर एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं।”



