राजेश कोठारी
करेड़ा । क्या गांवों में नहीं होती मिलावटी खाद्य पदार्थ की बिक्री ..? ये सवाल आमजन की जेहन में उठना वाजिब है क्यों कि सरकार ने आमजन की सेहत के साथ खिलवाड़ न हो इसके लिए त्यौहारी सीजन में मिलावटखोरों के खिलाफ शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान चला रखा है जिसके तहत् मिलावटखोरों के खिलाफ कार्यवाही होने से मिलावटखोरों में हड़कंप मचा हुआ है मगर ये कार्यवाही शहरों तक सिमित ही रहने से और गांवों में अभियान को गति नहीं मिल पा रही है । जिससे मिलावटखोरों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं जानकारों का मानना है कि खाद्य पदार्थ शहरों से ही गांवों में आता है जब शहरों में अभियान चल रहा है तो गांवों में भी इसका असर होना चाहिए मगर अभी तक उप खंड क्षेत्र में कहीं इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है । जबकि त्यौहारी सीजन में अधिकांश खाद्य पदार्थ बाहर से आता है जिसमें सबसे ज्यादा मांग मिठाईयों की रहती है और इन मिठाईयों में मावे का उपयोग सबसे ज्यादा होता है जो बाहर के साथ ही अन्य राज्यों से आता है । मगर इनके खिलाफ कार्यवाही के अभाव में ये पता नहीं चलता है कि कितना शुद्ध है । ग्रामीणों की मांग है कि इस अभियान को उप खंड क्षेत्र में भी चलाया जाए जिससे मिलावटखोरों पर अंकुश लग सके और आमजन के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव न पड़े ।
इनका कहना
जिले भर में अभियान चल रहा है जल्दी ही क्षेत्र में भी मिलावटखोरों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
प्रभाकर अवताडे, चिकित्सा अधिकारी, करेड़ा