लाखेरी नगर पालिका में राजनीति दबाव के कारण टेंडर प्रक्रिया में संवेदकों ने नहीं लिया भाग
लाखेरी -स्मार्ट हलचल|लाखेरी नगरपालिका में आपसी मतभेद एवं राजनीति कारणों के चलते आमजन के कार्य प्रभावित होते हैं। राजस्थान राज्य सरकार के द्वारा शहरी सेवा अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से शहर में नगर पालिका के सभी वार्डो में अलग-अलग दिनांक में 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक शिविर लगना प्रस्तावित है। नगरपालिका अधिशासी अधिकारी नरेश राठौर ने बताया कि इस अभियान माध्यम से सभी नगर पालिका क्षेत्र के वार्डों में सड़क के गड्ढे भरना, नालियों की मरम्मत करवाना, रोड लाइट, साफ सफाई करवाने सहित अन्य लोगों की मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं को दुरुस्त करने के लिए प्रत्येक वार्ड में एक- एक लाख रुपए के टेंडर के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थी। ताज्जुब तो यह हुआ की हर समय भ्रष्टाचार में गोता लगाने वाले ठेकेदारों द्वारा टेंडर कार्य लेने के लिए आए ही नहीं। जिसके कारण टेंडर प्रक्रिया अटक गई, इसके पीछे बड़ा राजनीति षड्यंत्र रचकर यह कार्य किया गया।
अधिकारी अधिशाषी नरेश राठौर ने बताया कि संवेदकों द्वारा टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लेने से टेंडर नहीं हो पाए जो लाखेरी विकास के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही अधिशासी अधिकारी नेकहा कि मेरी जानकारी में आया है कि नगर पालिका से जुड़े “”किसी जन प्रतिनिधि द्वारा संवेदकों को भाग लेने से रोका गया है””…. जो कि नियम विरुद्ध है।…
अब नगर पालिका प्रशासन द्वारा दुबारा टेंडर निकालकर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा
नेता प्रतिपक्ष ने लगाया पालिका अध्यक्ष पर आरोप
नेता प्रतिपक्ष रवि कहार ने नगर पालिका अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं शहरी सेवा अभियान को विफल करने के लिए टेंडर प्रक्रिया में संवेदकों को भाग लेने से रोका गया है जो हमारी सरकार के अभियान के खिलाफ है। नगर पालिका क्षेत्र के सभी वार्डों में एक- एक लाख रुपए की लागत से सड़क के गड्ढे भरने, नालियों की मरम्मत सहित अन्य कार्यों को लेकर आज टेंडर निकाले गए थे। जिसमें संवेदकों को टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से रोका गया। जिसके चलते टेंडर नहीं हो पाए। राज्य सरकार के अभियान में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ जांच करवा कर नियमानुसार उचित कार्रवाई करवाई जाएगी साथ ही शहर के लोगों को ज्यादा ज्यादा अभियान का लाभ दिलाया जाएगा।
बात खरी
लाखेरी में यह विचित्र बात लगी क्योंकि कई मर्तबा कई वार्डो में 25-25 लाख के टेंडर बिना विरोध के हो गए ..🤔 और बिना काम हुए बिल पास हो गए… और तो और 9000 की मशीनों को 99000 में मंगाया गया.. करोड रुपए के आधुनिक शौचालय लाखेरी में बना दिए गए जबकि सरकार द्वारा प्रत्येक घर के अंदर सर्वे करके शौचालय राशि दी जा चुकी थी 🧐 तब किसी कार्य पर रोक नहीं लगी… ना ही दबाव बनाया गया…किंतु जहां छोटी मोटी मरम्मत की बात आई तो वहां पर राजनीति दबाव….
*नगर पालिका में ऐसा नियम हे अगर ठेकेदार टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लेते हैं तो उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा जा सकती है एवं जवाब उचित न लगे तो ब्लैक लिस्ट तक किया जा सकता है।