(बिन्टू कुमार)
नारायणपुर|स्मार्ट हलचल|कस्बे की आदर्श सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) इन दिनों बदहाल स्थिति से गुजर रही है। चार महीने पहले विधायक देवीसिंह शेखावत द्वारा प्रयास कर यहां स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक शर्मा की नियुक्ति की गई थी, ताकि क्षेत्र की महिलाओं को गर्भावस्था एवं अन्य स्त्री रोग संबंधी समस्याओं के लिए स्थानीय स्तर पर ही विशेषज्ञ इलाज मिल सके। लेकिन अस्पताल में जरूरी उपकरण और बुनियादी सुविधाएं नहीं होने के कारण डॉक्टर की मौजूदगी के बावजूद महिलाएं इस सुविधा का लाभ नहीं ले पा रही हैं। अस्पताल में ना तो सोनोग्राफी की सुविधा है, ना ही ऑपरेशन थिएटर है। एसबीए स्टाफ की कमी है और एनेस्थीसिया देने के लिए आवश्यक डॉक्टर की भी नियुक्ति नहीं की गई है। ऐसे में डॉ. दीपक शर्मा रोज़ाना अस्पताल आकर मरीजों को देखते तो हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वह केवल सामान्य सलाह और दवाइयां देने तक ही सीमित हैं। जटिल मामलों में उन्हें मरीजों को रेफर करना पड़ता है। इलाज के लिए महिलाओं को 20 से 30 किलोमीटर दूर विराटनगर, बानसूर या कोटपुतली जाना पड़ रहा है। गर्भवती महिलाओं और गंभीर स्त्री रोग से पीड़ित मरीजों के लिए यह दूरी न केवल आर्थिक बोझ बनती है, बल्कि समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने इस अस्पताल को आदर्श सीएचसी का दर्जा तो दे दिया, लेकिन अभी तक इसमें आदर्श जैसी कोई सुविधा नहीं दिख रही है। गांव की महिलाओं ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि जब डॉक्टर यहाँ मौजूद हैं, तो सुविधाओं की कमी के चलते उनका लाभ न मिलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बार-बार दूर शहरों में जाना हमारे लिए मुमकिन नहीं होता, खासकर जब साधन और पैसे दोनों की कमी हो। इधर विधायक देवीसिंह शेखावत ने बताया कि नारायणपुर सीएचसी को हाल ही में 50 बेड में क्रमोन्नत किया गया हैं उन्होंने आश्वाशन दिया कि शिघ्र ही आवश्यक चिकित्सा स्टाफ और संसाधन उपलब्ध कराएं जायेंगे, जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके।