बड़ी समस्या:
- शौचालय का अभाव: महिलाओं को खुले में या निजी स्थानों पर जाने के लिए होना पड़ रहा मजबूर।
- नहीं है प्रतीक्षालय: हाईवे के चौराहे पर घंटों खड़े होकर करना पड़ता है बस का इंतजार।
- मुख्य हाईवे: NH-27 और NH-758 का संगम होने के बाद भी सुविधाओं में ‘जीरो’।
स्मार्ट हलचल/शिव लाल जांगिड़
लाडपुरा। भीलवाड़ा जिले का महत्वपूर्ण लाडपुरा चौराहा इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। कोटा-चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा को जोड़ने वाले इस व्यस्ततम चौराहे पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का अकाल पड़ा हुआ है।
महिलाओं की गरिमा को ठेस
चौराहे पर सार्वजनिक शौचालय (Toilet) नहीं होने के कारण महिला यात्रियों को बेहद असहज और शर्मनाक स्थितियों का सामना करना पड़ता है। रोडवेज बसों से उतरने वाली महिला यात्रियों के लिए यहाँ शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है, जो प्रशासन के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के दावों पर भी सवालिया निशान लगाता है।
प्रतीक्षालय का सपना कब होगा पूरा?
हाईवे से गुजरने वाले यात्री घंटों बसों का इंतजार करते हैं, लेकिन यहाँ बैठने के लिए कोई प्रतीक्षालय (Waiting Room) नहीं है। यात्री धूप, धूल और बरसात के बीच असुरक्षित तरीके से सड़क किनारे खड़े रहते हैं।
“यह चौराहा तीन प्रमुख शहरों को जोड़ता है, फिर भी यहाँ एक शौचालय तक नहीं है। जनप्रतिनिधियों को वोट के समय तो चौराहे की याद आती है, लेकिन जनसुविधाओं के नाम पर वे चुप्पी साधे हुए हैं।” – स्थानीय ग्रामीण
प्रशासन से मांग
लाडपुरा के ग्रामीणों और नियमित यात्रियों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि चौराहे की महत्ता को देखते हुए यहाँ तुरंत शौचालय और प्रतीक्षालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।


